आपकी राय
रेल यातायात बाधित
लंबे समय से आंदोलनकारी किसानों द्वारा शंभू रेलवे स्टेशन पर धरना जारी होने के कारण रेल यातायात ठप पड़ा है। सवाल उठता है कि इसके लिए जिम्मेदार किसे ठहराया जाये? चुनाव के समर में उलझी सरकार को या आंदोलनरत किसानों को? किसानों व सरकार की लड़ाई में रेल यात्रियों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। देश में ऐसा कानून होना चाहिए कि कोई भी आंदोलन की आड़ में रेल व सड़क जैसे सार्वजनिक यातायात में बाधा न डाल सके। हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट को स्वतः संज्ञान लेते हुए रेल यातायात को तुरंत बहाल करने का आदेश देना चाहिए।
बुधिराम सिंह कुशवाहा, शाहाबाद मारकंडा
शैक्षिक संकट
चौबीस अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर ‘हरियाणा के 19 सरकारी स्कूलों में एक भी विद्यार्थी नहीं’ स्कूलों के कुप्रबंधन का पर्दाफाश करने वाली थी। खबर के मुताबिक 50 से कम नामांकन वाले 3148 स्कूल थे और 811 स्कूल ऐसे थे इसमें केवल एक ही शिक्षक था। सरकारी स्कूलों में बुनियादी सुविधाएं तक नहीं हैं। वहीं शिक्षकों के बहुत सारे पद खाली पड़े हैं। उपर्युक्त बातों को ध्यान में रखते हुए सरकारी स्कूलों की स्थिति में योजनाबद्ध तरीके से कार्यप्रणाली में सुधार करना चाहिए।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
नासमझी का नुकसान
कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता राहुल गांधी ने हाल ही में यह पता लगाने के लिए एक वित्तीय और संस्थागत सर्वेक्षण का वादा किया था कि देश की कितनी संपत्ति किसके पास है। इस तरह की बातें मूर्खतापूर्ण, प्रतिगामी और भ्रामक हैं। वहीं जाति जनगणना को जादू की छड़ी के रूप में चित्रित करके दावा है कि ये सभी को न्याय दिलाएगी। साथ ही ‘सर्वेक्षण’ और ‘क्रांतिकारी कदमों’ की ढीली-ढाली बातें करके, कांग्रेस अपनी ही पार्टी के जनाधार का नुकसान कर रही है।
मैत्री चहल, चंडीगढ़
अमेरिकी नागरिकता
ग्रीन कार्ड के जरिये अमेरिका की नागरिकता प्राप्त करने वाला भारत दूसरा देश बन गया हैं। भारत सरकार को कूटनीतिक स्तर पर अमेरिका से बातचीत करके अधिक भारतीय नागरिकों को शीघ्र नागरिकता देने के प्रयास करने चाहिए। अमेरिका को यह समझना चाहिए कि वहां पर कार्यरत भारतीय अमेरिका के लिये सभी दृष्टियों से लाभप्रद हैं। नागरिकता प्रदान करने के साथ ही वहां पर भारतीयों के साथ हो रही हिंसा पर भी अमेरिकी प्रशासन को सख्त एक्शन लेना चाहिए!
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
परेशानी का सबब
‘रेल रोकने का औचित्य’ संपादकीय में किसानों के आंदोलन के चलते रेल रोकने से यात्रियों की पीड़ा को बखूबी उजागर किया गया है। रेल ट्रैकों को जाम करने से रेलगाड़ियां न केवल स्थगित और देर से चल रही हैं बल्कि सरकार को राजस्व में भारी नुकसान का सामना भी करना पड़ रहा है। किसानों को यह समझना चाहिए कि अपनी मांगों के चलते आम जनता को परेशानी में डालना उचित नहीं है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली