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फिसलती जुबान
अक्सर चुनावी माहौल में नेताओं की जुबान फिसल जाती है और इसका खमियाजा भी उठाना पड़ता है। बिहार के जमुई में तेजस्वी यादव की एक रैली में एक व्यक्ति द्वारा पब्लिक में कहे गए अपशब्द बेहद शर्मनाक हैं। तेजस्वी यादव ने हालांकि सफाई दी कि मंच से किसी को भी अपशब्द नहीं कहा गया है। निर्वाचन आयोग को अविलंब संवैधानिक प्रावधानों के तहत कड़े कदम उठाने चाहिए। अफसोस है कि राजनीतिक उठापटक में अपशब्दों का प्रयोग किया गया। अभद्रता का राजनीति और सार्वजनिक जीवन में कोई स्थान नहीं होना चाहिए।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
हानिकारक माइक्रोप्लास्टिक
बीस अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में डॉ. सनी धीमान व डॉ. अनु कुमार के लेख ‘खाद्य आपूर्ति शृंखला के लिए एक बड़ा खतरा’ के अनुसार खाद्य पदार्थों में छिपा माइक्रोप्लास्टिक मानव जाति ही नहीं, मानवेतर प्राणियों के लिए भी अत्यंत घातक है। माइक्रोप्लास्टिक न केवल हानिकारक रसायनों के प्रसारक के रूप में कार्य कर सकता है अपितु पारिस्थितिकीय संतुलन में भी व्यवधान उत्पन्न होने में एक कारक है। इसके भयावह परिणामों के दृष्टिगत हमें न्यूनतम प्लास्टिक पैकेजिंग वाले उत्पादों का चयन करना होगा।
जयभगवान शर्मा, झज्जर
जनता के हित
देश के प्रमुख दल और मीडिया एक ही विषय पर सारी शक्ति, और समय लगा रहे हैं कि केजरीवाल ने जेल में आम खाया या केला। ऐसा लगता है जैसे देश की जनता की सारी समस्याएं हल हो गई हैं। रोटी, शिक्षा, मकान की कोई कमी देश में नहीं रही। इन नेताओं को चाहिए कि वे जनता के हित से जुड़ी बातें करें, केवल राजनीति की चार दिन की दुकान न चलाएं। मीडिया वाले भी श्रोताओं को यह सुनाने में अपना समय व्यर्थ न करें और न ही जनता को परेशान करें।
लक्ष्मीकांता चावला, अमृतसर
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