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जीवन बचाएं
अठारह अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में भारत डोगरा के लेख ‘जागरूकता से बच सकते हैं लाखों जीवन’ के अनुसार अगर सभी प्रकार की दुर्घटनाओं की जानकारी एक ही स्थान या स्रोत से मिल जाए तो बहुत सारी दुर्घटनाओं को रोका जा सकता है। लेखक ने सड़क दुर्घटनाओं, उद्योगों, खानों, खेत-खलिहान, प्लांटेशन, निर्माण कार्य, सफाई कार्य आदि में होने वाली दुर्घटनाओं का वर्णन करते हुए सुझाव दिया है कि अगर समय रहते सावधानी बरती जाए और दुर्घटना होने के बाद तुरंत कारगर उपाय अपनाए जाएं तो 50 प्रतिशत मौतों को रोका जा सकता है।
शामलाल कौशल, रोहतक
जीवन से खिलवाड़
दवाइयां मरीजों की प्राण रक्षा के लिए बनती हैं। मगर आज मरीज नकली और अमानक दवाओं के मकड़जाल के बाजार में उलझा हुआ है। हिमाचल के दवा उद्योगों में बनी 20 दवाओं में कमियां पाई गई हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन द्वारा जारी मार्च के ड्रग अलर्ट में देशभर के विभिन्न राज्यों में 59 दवाओं को गुणवत्ता के अनुरूप नहीं पाया गया है। निश्चित रूप से जन स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ है जिसे गंभीरता से रोके जाने की जरूरत है। सरकार को उचित कदम उठाने की जरूरत है।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
परेशानी का सबब
किसानों ने अपनी मांगों के चलते एक बार फिर ट्रेन पटरियां रोक रखी हैं। जिसके चलते बड़ी संख्या में ट्रेनें रद्द करनी पड़ी हैं। रेल ट्रैक जाम होने से ट्रेनों का संचालन प्रभावित हो रहा है। वहीं यात्रियों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। किसानों को यह बात समझनी चाहिए कि आंदोलन के चलते लोगों को परेशानी में डालना उचित नहीं है। अपनी मांगों को मनवाने के लिए रेलवे को रोकना सही नहीं है। इससे देश की आर्थिकी कमजोर होती है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
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