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हादसे की वजह
तेरह अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘छात्रों की दर्दनाक मौत’ महेंद्रगढ़ स्थित कनीना में एक स्कूल बस दुर्घटना में 6 मासूमों के मारे जाने पर व्यथा बताने वाला था। इसके लिए बस का ड्राइवर, स्कूल प्रबंधक तथा कानून के रखवाले जिम्मेदार हैं। आज बड़े-बड़े कारोबारी लोग महंगी-महंगी फीस वाले पब्लिक स्कूल तो खोल लेते हैं परंतु उनमें आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध नहीं कराते। समय-समय पर स्कूल वाहनों, ड्राइवर तथा वाहन की स्पीड की ऑनलाइन ट्रैकिंग व्यवस्था होनी चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
अमर्यादित भाषा
चुनावों के चलते पिछले कुछ दिनों से प्रत्याशियों द्वारा अपने विरोधियों पर अभद्र टिप्पणियां की जा रही हैं। क्या देश की संस्कृति की यही पहचान बाकी रह गई है। इस पर रोक अवश्य लगनी ही चाहिए। इस मामले में चुनाव आयोग सख्ती दिखाये। यदि आयोग ऐसे उम्मीदवार की उम्मीदवारी रद्द करे तो अमर्यादित भाषा पर लगाम लगेगी!
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
क्षति की पूर्ति!
महेंद्रगढ़ जिले में हुआ स्कूल बस हादसा विचलित करने वाला था। अब बड़े पैमाने पर बसों की चैकिंग, कागजात, लाइसेंस, मोबाइल डिटेल, डिफाल्टर स्कूलों की सूची जैसी औपचारिकताएं केवल अभिभावकों को बहलाने के लिए पूरी की जा रही हैं। क्या इससे दुर्घटना में हुई क्षति की पूर्ति होगी?
भूप सिंह ढिल्लों, नहला
चुनावी शंखनाद
आम चुनाव के प्रथम चरण में होने वाले मतदान के लिए प्रचार थम गया है। उत्तर प्रदेश के लोकसभा चुनाव बेहद खास होते हैं। यही कारण है कि देश के प्रधानमंत्री ने मेरठ से चुनावी शंखनाद किया था। उत्तर प्रदेश के पश्चिमी क्षेत्र के आठ लोकसभा चुनावों की दशा और दिशा करेंगे।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली