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आपराधिक लापरवाही
हरियाणा के कनीना (महेंद्रगढ़) की एक स्कूल बस का दुर्घटनाग्रस्त होना लापरवाही को दर्शाता है। दरअसल यह घटना निगरानी तंत्र के काहिली, स्कूल प्रबंधन और प्रशासन की आपराधिक लापरवाही और पैसों के लालच में अकुशल और ग़ैर-ज़िम्मेदार कर्मचारियों की तैनाती का मिला-जुला परिणाम है। ऐसा नहीं है कि स्कूल संचालकों को बस की खस्ता हालत और बस चालक के आचरण का ज्ञान न हो। सुरक्षित स्कूल वाहन नीति के तहत सरकार द्वारा गठित त्रिस्तरीय कमेटी अगर अपने काम में मुस्तैद होती तो बच्चों की बेशकीमती जानें बच सकती थीं।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल
मार्गदर्शक पहल
नौ अप्रैल को दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित नरेश कौशल के लेख ने ग्राहकों और जनता को जागरूक करने में अहम भूमिका निभाई है। यह कड़वे समाज की सच्चाई है कि आधुनिक युग में ऑनलाइन की बढ़ती मांग बच्चे-बूढ़े, युवा-युवती हर एक वर्ग के जीवन पर खतरा बनकर सामने आ रही है। ऑनलाइन खाने के सामान की जांच नियमित रूप से होनी चाहिए। ताकि सप्लाई करने वाली ऑनलाइन कंपनियां स्वास्थ्य के प्रति सजग रहकर अपना कार्य करें। उन्हें यह समझने की जरूरत है कि जितना पैसा जरूरी है उतना ही स्वास्थ्य की भी जरूरत है।
अलका शर्मा, बात्ता, कैथल
समरसता का आलम
देश की राजधानी में ईद का त्योहार इस बार विशेष रहा। केवल मस्जिदों और अधिकृत स्थलों में ही नमाजियों ने नवाज अदा की। ऐसा पहली बार हुआ है कि दिल्ली की सड़कों पर किसी भी मुस्लिम द्वारा न तो नवाज अदा करने की कोशिश की गई और न ही ऐसा किसी संस्था के द्वारा प्रयास किया गया। उन्होंने सामाजिक सौहार्दपूर्ण वातावरण को बनाने में अपना योगदान दिया है।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली