मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

आपकी राय

09:12 AM Apr 03, 2024 IST

मजबूत विपक्ष जरूरी

आगामी लोकसभा चुनावों में, कांग्रेस पार्टी अपने सहयोगी दलों के साथ सीटों के बंटवारे के मामले में दूसरे नंबर पर आ गई है। बंटवारे के चलते पार्टी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं के मनोबल पर प्रतिकूल असर पड़ा है। यह जरूरी है कि सबसे पुरानी कांग्रेस पार्टी अपनी खोई हुई प्रतिष्ठा को हासिल करने के लिए सहयोगी गठबंधन को कुछ मजबूत एजेंडा दे। पार्टी स्वयं को मोदी विरोधी या भाजपा विरोधी के रूप में न रखकर मतदाताओं के सामने एक सशक्त और योग्य विपक्ष के रूप में पेश करे।
भृगु चोपड़ा, जीरकपुर

Advertisement

खुशी का पैमाना

दो अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में ‘खुशी का पैमाना’ संपादकीय ने देश की सही तस्वीर पेश की है। भारत अभी भी 140 खुशहाल देश में 126 वें नंबर पर है। भौगोलिक असमानता, जनसंख्या का सैलाब, विभिन्न रीति-रिवाज, स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी और आर्थिक असमानता इसके कारण हैं। लेकिन आज भी भारत के लोग विकसित देशों के मुकाबले काफी खुश हैं। वे अपने ही मस्ती में रहते हैं और धर्म, योग, भक्ति अध्यात्म में ही खुशियां ढूंढ़ते हैं जिसको मापने का कोई पैमाना नहीं होता है।
भगवानदास छारिया, इंदौर

शुचिता के सवाल

तीस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘शुचिता के सवाल’ आज के राजनीतिक माहौल का विश्लेषण करने वाला था। आज की राजनीति सत्तासुख के लिए गलत को ठीक और ठीक को गलत कहने की सारी हदें पार करती जा रही है। सत्तापक्ष कल तक जिन विपक्षी दल के नेताओं को भ्रष्ट कहकर कोसता था, उन्हीं को अपनी पार्टी में शामिल करवाकर शुचिता का प्रमाण दे रहा है। राजनीतिक सुविधा के हिसाब से गुण-दोषों की व्याख्या की जाती रही है। आज राजनीति में सब चलता है, देखने को मिल रहा है। ऐसा कब तक चलेगा?
शामलाल कौशल, रोहतक

Advertisement

संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशनार्थ लेख इस ईमेल पर भेजें :- dtmagzine@tribunemail.com

Advertisement