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कैसा विश्व गुरु
20 मार्च के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय..... विश्वविद्यालयों में असहिष्णुता. .. अहमदाबाद में लोगों के एक समूह के द्वारा गुजरात विश्वविद्यालय के छात्रावास में विदेशी छात्रों को पीटने के मामले का विश्लेषण करने वाला था। विश्वविद्यालय के प्रांगण में मुस्लिम छात्रों द्वारा नमाज पढ़ना एक सामान्य बात है। ऐसे में विद्यार्थियों को बाहरी तत्वों के साथ मिलकर बुरा व्यवहार हमारी सर्वधर्म समभाव की परंपरा के बिल्कुल विपरीत है और हमारी धार्मिक असहिष्णुता का द्योतक है। इससे पुलिस विभाग की निष्क्रियता का भी पता चलता है।
शाम लाल कौशल,रोहतक
प्रदूषण की राजधानी
भारत की राजधानी दिल्ली सबसे ज्यादा प्रदूषित राजधानी है। हाल ही में जारी किए गए सर्वे के अनुसार विश्व के 100 बड़े प्रदूषित शहरों में 86 भारत में हैं और देश की बड़ी आबादी दूषित सांस लेने पर मजबूर हैं। इसमें सुधार करने के लिए देश की सभी सरकारों को, नागरिकों को एवं पर्यावरणविदों को मिलकर युद्ध स्तर पर काम करना होगा। राजनेताओं के द्वारा दावे जरूर बड़े-बड़े किए जाते हैं लेकिन हकीकत तो सामने है। वाहनों का एवं कोयला कूड़ा-कचरा जलाने वाला धुआं एक कारण है, लेकिन महानगरों की धूल भरी सड़कें, गंदे पानी का निकास न होना, नालियों की समुचित व्यवस्था न होना, कूड़ा प्रबंधन की असफलता एवं अतिक्रमण भी कारण हैं।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
जीवन का संगीत
सत्रह मार्च के दैनिक ट्रिब्यून अध्ययन कक्ष अंक में सुशील कुमार फुल्ल की ' जीवन का संगीत ' कहानी जिंदगी की सांसें डॉक्टरी इलाज को निमित्त बनाते हुए परम सत्ता के प्रति आस्था विश्वास को दृढ़ करवाने वाली रही। कथा नायिका का सर्जरी ऑपरेशन करवाने के लिए लेश मात्र घबराहट न होना अन्य रोगियों के लिए प्रेरणादायक रहा। मरीज का सफल ऑपरेशन भी ईश्वरीय आस्था को कम नहीं कर सका।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल