मुख्यसमाचारदेशविदेशखेलबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाब
हरियाणा | गुरुग्रामरोहतककरनाल
रोहतककरनालगुरुग्रामआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकीरायफीचर
Advertisement

आपकी राय

08:03 AM Mar 20, 2024 IST
Advertisement

पुनर्चक्रण जरूरी

विश्व में दिन प्रतिदिन बिगड़ता पर्यावरण चिंता का विषय बन गया है। पर्यावरण को प्रदूषित करने के वैसे तो बहुत से कारण हैं, जिनमें प्लास्टिक, इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, मोबाइल, कंप्यूटर आदि हैं। ऐसे सामान के पुनर्चक्रण के प्रति लोगों को जागरूक करने के उद्देश्य से भी 18 मार्च को वैश्विक पुनर्चक्रण दिवस मनाया जाता है। इस दिवस पर दुनियाभर की सरकारों, संस्थाओं, और हर व्यक्ति को पुनर्चक्रण के लिए गंभीरता दिखाने के लिए प्रेरित किया जाता है। और इसका मुख्य उद्देश्य दुनिया के सभी सत्ताधारियों और अन्य राजनेताओं को यह समझाना होता है कि पुनर्चक्रण एक विश्वव्यापी समस्या है और इस पर प्रमुखता से काम किया जाना चाहिए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर


जागे मतदाता

भारत के निर्वाचन आयोग ने लोकसभा चुनाव 2024 का आगाज कर दिया है। देश के युवाओं को इस लोकतांत्रिक प्रक्रिया में बढ़-कर कर भाग लेना चाहिए। देश की आधी आबादी को भी जरूर मतदान करने के लिए आगे आना चाहिए। हम सबको यह अवश्य ही प्रण लेना चाहिए कि यदि राजनीतिक दल ऐसे व्यक्ति को अपना प्रत्याशी बनाता है जिसके ऊपर संगीन धारा में मुकदमे लगे हों तो देश के मतदाताओं को अपनी बौद्धिक क्षमता का परिचय देते हुए अच्छे साफ़ छवि वाले प्रतिनिधियों को ही मतदान करना चाहिए। राजनीतिक दलों की अपनी मजबूरी हो सकती है लेकिन देश के मतदाताओं की कोई मजबूरी नहीं है।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली

Advertisement


विसंगतियों का समाज

दस मार्च के दैनिक ट्रिब्यून के रविरंग अंक में आलोक पुराणिक का ‘शाही शादी की ऊंची हसरतें समृद्ध होती कारोबारी परतें’ लेख वैवाहिक परंपरागत रीति-रिवाजों को ताक पर रखकर धन-वैभव संपन्नता का विश्लेषण करने वाला रहा। अनिल अंबानी के बेटे की शादी पर होने वाले खर्च देखकर देश की आर्थिकी का दूसरा पहलू आर्थिक विषमता पर सवालिया निशान लगता है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

Advertisement
Advertisement