आपकी राय
घात और बात
संपादकीय ‘अरुणाचल पर वक्र दृष्टि’ पढ़कर स्पष्ट होता है कि अरुणाचल में तवांग पर तेजपुर से असम को जोड़ने हेतु 13000 फीट ऊंचाई पर लंबी सेला सुरंग के उद्घाटन से चीन तिलमिलाया है और इस पर राजनीतिक आपत्ति दर्ज कराई है। वहां पूरी तरह भारत का कब्जा है तथा एलएसी समझौते में यह स्थान भारतीय सीमा में दर्ज है। गत वर्ष चीन ने अपने नक्शे में अरुणाचल को चीनी सीमा में दिखाकर घटिया हरकत की थी, किंतु इसे सभी गलत ही ठहरा रहे हैं। चीनी आपत्ति पर भारत का मुंहतोड़ जवाब होगा। चीन को अब गलतफहमी में नहीं रहना चाहिए। घात और बात साथ-साथ करने के बजाय भारत के दावों पर सहमत होना चाहिए।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
अतार्किक विरोध
सरकार द्वारा नागरिकता संशोधन कानून को देश में लागू करने के लिए अधिसूचना जारी की गई है। वह एक बहुत ही अच्छा कदम है। इससे लगभग एक करोड़ लोगों को भारत की नागरिकता मिलेगी। लेकिन मुस्लिम तुष्टीकरण के लिए लगे कुछ राजनीतिक दल इस कानून का विरोध कर रहे हैं, वह अत्यंत निंदाजनक है। कुछ राजनीतिक दल अल्पसंख्यक समुदाय के वोट बटोरने के लिए इस ऐतिहासिक कानून का विरोध कर रहे हैं। ये नेता उन्हें गुमराह कर रहे हैं, जिससे वे लोकसभा चुनाव में उनके वोट प्राप्त कर सकें।
लक्ष्मीकांता चावला, अमृतसर
वादे पर अमल
पक्ष-विपक्ष के बीच बहस का विषय बने नागरिकता संशोधन कानून को अधिसूचना के जरिये पूरे देश में लागू करके भाजपा ने अपने घोषणापत्र के एक और वादे पर अमल कर दिया है। दरअसल, इस कानून का मकसद किसी की नागरिकता छीनना नहीं, बल्कि नागरिकता देना है। वास्तव में देखा जाए तो दशकों से पड़ोसी देशों से मजहबी आधार पर पीड़ित अल्पसंख्यकों को मानवीय आधार पर नागरिकता देने की गारंटी देने वाला यह विधान है।
अमृतलाल मारू, इन्दौर, म.प्र.
संपादकीय पृष्ठ पर प्रकाशनार्थ लेख इस ईमेल पर भेजें :- dtmagzine@tribunemail.com