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आर्थिकी में उछाल
दो मार्च के दैनिक ट्रिब्यून के संपादकीय ‘आर्थिकी की छलांग’ में बताया है कि कोरोनाकाल तथा वैश्विक चुनौतियाें के बावजूद वित्तीय वर्ष के तीन महीनों में विकास दर का 8.4 प्रतिशत होना सरकार तथा देशवासियों के लिए बूस्टर का काम कर सकता है। आईएमएफ के अनुसार भारत में विकास दर अमेरिका, चीन तथा जापान से भी ज्यादा रही है। इसका मुख्य कारण मैन्युफैक्चरिंग, माइनिंग तथा विनिर्माण क्षेत्र में उत्साहवर्धक वृद्धि है। आरबीआई के मुताबिक उत्साहवर्धक विकास दर देखते हुए विदेशी निवेशकों की दिलचस्पी भारत में बढ़ी है। विदेशी मुद्रा भंडार उच्चतम स्तर पर पहुंचा तथा सेंसेक्स तथा निफ्टी में रिकॉर्ड वृद्धि हुई है। इसके बावजूद कृषि क्षेत्र तथा आम लोगों की आर्थिक स्थिति में सुधार न होना चिंता का विषय है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
किशोर अपराध चिंताजनक
बीते कुछ वर्षों से अपराध की दुनिया में नाबालिगों की संलिप्तता बढ़ रही है। हत्या और बलात्कार जैसे जघन्य अपराधों में किशोरों के नाम आना चिंतनीय विषय बन गया है। उन कारकों की जड़ों तक जाना होगा जिनकी वजह से राष्ट्र का बचपन अपराधी मनोवृत्ति की ओर बढ़ रहा है। कुछ छूट रहा है, जो हम अपने बच्चों को नहीं दे रहे। शिक्षा के साथ-साथ किशोरों और युवाओं में जब तक मानवीय गुणों का समावेश नहीं होगा तब तक बाल अपराध की घटनाएं नहीं रुकेंगी।
सुरेन्द्र सिंह ‘बागी’, महम
जड़ों से जुड़े रहें
एक तरफ जहां पंजाब सरकार लगातार पंजाब के लोगों को नौकरियां बांट रही है तो वहीं दूसरी तरफ आज के युवाओं का बाहर पलायन करना चिंता का विषय बनता जा रहा है। वहीं कर्ज के बोझ तले और मानसिक अवसाद के चलते युवाओं की मौत की खबरें सामने आ रही हैं। युवाओं को यह सोचने की जरूरत है कि वे पंजाब में रहकर अपनी विरासत से जुड़े रहें। वे यहं भी अच्छा रोजगार हासिल कर सकते हैं ताकि वे अपने परिवार के सदस्यों के साथ रह सकें।
हरदेव बाजवा, राजपुरा