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फील्ड मार्शल का स्मारक
अमृतसर का बेटा जनरल मानेक शॉ, जो स्वतंत्र भारत में पहला फील्ड मार्शल बना, उनका स्मारक कहीं क्यों नहीं? पंजाब सरकार ने अमृतसर में सरकारी कालेज लड़कों के लिए खोलने का और उसका नाम जनरल मानेक शॉ रखने का प्रस्ताव दिया। स्वीकार भी हो गया पर कालेज जिला तरनतारन के एक विधायक विशेष को दे दिया। मानेक शॉ को भूल गए। मानेक शॉ जिस शहर में पैदा हुए, पढ़ाई की और सेना में गये, उनके लिए एक शब्द अमृतसर में नहीं, आखिर क्यों? पंजाब और केंद्र सरकार संयुक्त योगदान देकर और अमृतसर की जनता आगे आकर अपने इस बहादुर वीर का अमृतसर में स्मारक बनाए।
लक्ष्मीकांता चावला, अमृतसर
दुर्भाग्यपूर्ण हिंसा
उत्तराखंड के हल्द्वानी में बीते दिनों विशेष समुदाय द्वारा की गई हिंसा बेहद दुखद है। न्यायालय के आदेश पर अवैध आस्था स्थल को हटाने के खिलाफ हुई हिंसा में करोड़ों रुपये की सार्वजनिक व निजी संपत्ति को जलाया गया। ऐसा लगता है कि हिंसा सुनियोजित थी जिसकी खबर प्रशासन को भी नहीं मिली। उत्तराखंड में अब जबकि समान नागरिक संहिता लागू हो गयी है, हो सकता है कि यूसीसी के विरोध स्वरूप भी हल्द्वानी हिंसा एक कारण के रूप में सामने आये।
तिलकराज गुप्ता, रादौर
परीक्षाओं में धांधली
राजस्थान में एसआई परीक्षा में भ्रष्टाचार और नकल की पराकाष्ठा ने युवाओं को क्रोधित कर दिया है। हर साल 5 करोड़ से अधिक छात्र सरकारी परीक्षाओं की तैयारी करते हैं। हर प्रतियोगी अच्छी कोचिंग का खर्च नहीं उठा सकता है, लेकिन वे खुद कड़ी मेहनत करते हैं ताकि वे अपने परिवार को बेहतर भविष्य प्रदान कर सकें। इसलिए दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए जो इन प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने और अपने सपनों को हासिल करने के लिए प्रेरित कर सके।
पारुल गुप्ता, फरीदाबाद
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