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दक्षिण का दमखम
दो मार्च के दैनिक ट्रिब्यून में वेद विलास उनियाल का लेख ‘आसान भी नहीं भाजपा का दक्षिण पथ’ में दक्षिण के गैर-हिंदी राज्यों में अपनी राह को मजबूत बनाने में आने वाली चुनौतियों का वर्णन करने वाला था! तमिलनाडु, केरल और आंध्र प्रदेश में इसके संगठन का विशेष विस्तार नहीं हुआ। बेशक भाजपा ने पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा में अपनी स्थिति में सुधार किया है परंतु दक्षिणी राज्यों में इसकी राह इतनी आसान नहीं। हालांकि प्रधानमंत्री मोदी दक्षिणी राज्यों के मंदिरों में जाते रहते हैं, अपनी जनसभाओं में संसद में रखे संगोल का जिक्र करते हैं, प्रसिद्ध कवियों की कविताओं को भी उद्धृत करते हैं। इसके बावजूद एनडीए को दक्षिणी राज्यों में पूरा दमखम दिखाना होगा।
शामलाल कौशल, रोहतक
पटना का संदेश
पटना में आयोजित जन विश्वास रैली में उमड़ी भीड़ और विपक्षी नेताओं का जमावड़ा बिहार की राजनीति में एक संकेत है कि 2024 लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन और एनडीए में जोरदार चुनावी टक्कर होने वाली है। जन विश्वास रैली विपक्षी दलों में आपसी विश्वास बढ़ाने में कामयाब होती दिखाई दे रही है। तेजस्वी यादव के प्रयासों के कारण विपक्षी दलों में आपसी विश्वास बढ़ा है। अब देखना होगा कि 2024 लोकसभा चुनाव में क्या इंडिया गठबंधन साझा कार्यक्रम, चुनावी रैली, चुनाव घोषणा पत्र देश की जनता के समक्ष रखने में कामयाब होगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
जानलेवा शौक
पानीपत जिले में एक युवा स्टंटबाज़ की मौत बहुत ही हृदयविदारक थी। वह युवा अपने ट्रैक्टर से हैरतअंगेज करतब दिखाता था। उसके इस कारनामे को देखने के लिए सोशल मीडिया पर लाखों दर्शक बन चुके थे। स्टंटबाजी उस युवा की कमाई का जरिया भी बन चुका था। लेकिन जिस तरह का मनोरंजन वह कर रहा था, उसे सही नहीं कहा जा सकता। अभिभावकों और सरकार द्वारा इस तरह की स्टंटबाजी रोकी जानी चाहिए।
सुरेन्द्र सिंह ‘बागी’, महम
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