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समय पर सचेत हों
अब छोटे से दुकानदार से लेकर बड़े उद्योगों में डिजिटल लेनदेन तेजी से हो रहा है। लेकिन कुछ समय पहले ही पेटीएम के उपभोक्ताओं को झटका लगा जब आरबीआई ने 15 मार्च से इसके पेटीएम बैंक और वॉलेट से लेनदेन पर पाबंदी लगा दी। आरबीआई ने अनियमितता के कारण फैसला यह सुनाया है। सवाल तो यह है कि आरबीआई ने पहले ही इसकी गलतियों के लिए सख्ती से खबरदार क्यों नहीं किया? क्यों उपभोक्ताओं को परेशानी में डाला? आरबीआई को चाहिए कि वो बाकी सभी बैंकों और डिजिटल लेनदेन प्लेटफार्म पर सख्ती से निगरानी रखे।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
बाकी न होने का दंश
पच्चीस फरवरी के दैनिक ट्रिब्यून अध्ययन कक्ष अंक में अमृतलाल मदान का ‘उड़ गया हंस, बाकी न होने का दंश’ लेख उदयभानु हंस जी का जीवंत साहित्यिक योगदान का आद्यंत सांगोपांग विश्लेषण करने वाला ज्ञानवर्धक, शिक्षाप्रद रहा। हंस जी का कृतित्व साहित्यिक आकाश में ज्योति स्तंभ बनकर मानवता का मार्गदर्शन करता रहेगा।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
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