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आस्था और बलिदान
देश में कोई विरला ही ऐसा मंदिर होगा जहां हिंदू धर्म और देश के लिए शहीद होने वाले वीरों की प्रतिमा लगाई गई हो। जानकारी के अनुसार हरिद्वार नगरी में स्वामी सतमित्रानंद जी द्वारा बनाए गए भारत माता मंदिर में ही शहीदों, वीरों और क्रांतिकारी भारत के बेटे-बेटियों को स्थान मिला है। देश के संत समाज और सभी मंदिरों के प्रमुखों से नम्र निवेदन है कि वे अपने अपने मंदिर में देश और प्रदेश के जो भी बड़े-बड़े बलिदानी वीर हुए हैं, उनकी प्रतिमा लगाएं। उनसे सम्बद्ध साहित्य बांटें। अगर अपने धर्म, संस्कृति और समाज को जीवित रखना है तो मंदिरों में केवल धार्मिक दृष्टि से पूजा ही काफी नहीं, अपितु राष्ट्रीय भाव भी मंदिरों में ही बच्चों में पैदा करने होंगे।
लक्ष्मीकांता चावला, अमृतसर
राम राज के संकल्प
विश्व हिंदू परिषद ने संकल्प लिया है कि अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के बाद अब देश में रामराज्य की स्थापना करने का प्रयास किया जाएगा। जहां भ्रष्टाचार मुक्त देश हो, नारी का सम्मान हो, सबके लिए रोटी, कपड़ा और मकान का इंतजाम हो। किसी भी तरह के आतंकवाद के विरुद्ध समाज को जागरूक किया जाएगा। साथ ही अनुरोध किया कि सभी को जातिगत भावना, भाषावाद, संप्रदायवाद और क्षेत्रवाद आदि भेदभाव से ऊपर उठना होगा। मतदान को राष्ट्रीय कर्तव्य मानते हुए हर एक को मतदान करना होगा।
भगवानदास छारिया, इंदौर
सदा यादों में
सत्ताईस फरवरी के दैनिक ट्रिब्यून में हेमंत पाल का लेख, यादों में पंकज उधास : ‘एक तरफ उसका घर, एक तरफ मयकदा’ ख्याति प्राप्त ग़ज़ल गायक पंकज उधास के बारे में बताने वाला था। भारतीय फिल्म गायकी में पंकज उधास ग़ज़लों को पसंद करने वाले लोगों को हमेशा याद रहेंगे। फिल्म उद्योग वाले उनकी मखमली आवाज के कायल थे। उन्होंने बहुत-सी ग़ज़लों को अपनी आवाज दी, लेकिन उनकी कुछ ग़ज़लें ऐसी हैं जिन्हें कभी भुलाया नहीं जा सकता। उनकी लगभग सारी ग़ज़लें लोगों को बहुत पसंद आईं।
शामलाल कौशल, रोहतक
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