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लोकतंत्र की रक्षा
अठाईस फरवरी के दैनिक ट्रिब्यून में अशोक लवासा का ‘शीर्ष अदालत के फैसले से रोशन लोकतंत्र’ लेख चंडीगढ़ मेयर चुनाव मामले में चुनाव अधिकारी द्वारा चुनावपत्रों के साथ छेड़छाड़ कर व्यवस्था से खिलवाड़ का पर्दाफाश करने का विश्लेषण करने वाला था। पर्दे के पीछे सूत्रधारों को भी बेनकाब करना चाहिए। चंडीगढ़ मेयर चुनाव के मामले में त्वरित न्याय करके सुप्रीम कोर्ट ने लोगों का विश्वास बढ़ाया है और लोकतंत्र की रक्षा की है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
बढ़ती आबादी के खतरे
आज के परिवेश में परिवार के सदस्यों की संख्या बढ़ाने से घर की आमदनी में वृद्धि हो सकती है, लेकिन इसकी भारी कीमत देश को चुकानी पड़ रही है। जब आबादी बढ़ेगी तो वह भूमि भी रिहायशी इलाके में तबदील हो जाएगी, जहां पहले खाद्य पदार्थों को उत्पन्न किया जाता था। इससे देश में खाद्य पदार्थों के उत्पादन में कमी होगी। अभी वक्त है कि लोग चेत जाएं, अन्यथा भूखे पेट सोने वालों की तादाद लगातार बढ़ती जाएगी।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
चुनावी बजट
छब्बीस फरवरी के दैनिक ट्रिब्यून में संपादकीय ‘विकास के स्थायी लक्ष्य’ हरियाणा के चुनावी साल का बजट की तस्वीर उभारता है। आमतौर पर मतदाताओं को साधने के प्रयास ही साल के बजट में होते हैं। मतदाता भी ऐसे में 5 साल के उजले भविष्य के लिए आखिरकार वादों के झांसे में आ ही जाता है। वैसे विकास और बुनियादी सुविधाओं की बात करें तो देश में डबल इंजन की सरकारें ज्यादा सार्थक साबित हुई हैं।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
रास्ता निकालें
ब्रिटेन से एक चिंताजनक और चौंकाने वाली खबर सामने आई है। बताया जा रहा है कि ब्रिटेन में करीब 20 लाख हिंदू रहते हैं और वहां 500 हिंदू मंदिर हैं। इनमें से करीब 50 मंदिर पुजारियों की कमी के कारण बंद हो चुके हैं। वजह है वहां हिंदू पुजारियों को ब्रिटेन ‘वीसा’ जारी नहीं कर रहा है। ब्रिटेन के हिंदू सशक्त होने के बावजूद हिंदू पुजारियों के प्रवेश को रोकने से बुरा और क्या हो सकता है।
तिलकराज गुप्ता, रादौर