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हिंसक बालमन
तेईस फरवरी के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘हिंसक बालमन’ किशोरों में बढ़ती हिंसा प्रवृत्ति पर चिंता व्यक्त करने वाला था। आये दिन स्कूलों में विद्यार्थियों में आपसी टकराव की बातें सुनने में आती हैं। इसे देखते हुए दिल्ली सरकार ने विद्यार्थियों के बैग चेक करने का आदेश दिया है ताकि माहौल सुरक्षित बनाया जा सके। विद्यार्थियों के मन में हिंसा के उबाल का मुख्य कारण इंटरनेट पर हिंसक वारदातों को दिखाना है। खुले में खेलकर और बच्चों के साथ मित्रता बनाने वाला जमाना बीत गया है। ऐसे में बच्चों में बढ़ती आक्रामकता टकराव को रोकने के लिए स्कूल प्रशासन, शिक्षक तथा अभिभावकों को संयुक्त प्रयास करने की जरूरत है।
शामलाल कौशल, रोहतक
विज्ञान की सोच
अठाईस फरवरी को राष्ट्रीय विज्ञान दिवस मनाया जाता है, इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों की विज्ञान में रुचि बढ़ाना है। देश विज्ञान के क्षेत्र में आगे बढ़ रहा है। हाल ही में चंद्रयान-3 की सफलता ने दुनिया को बता दिया कि देश विज्ञान के क्षेत्र में भी काफी विकास कर रहा है। सरकार को चाहिए कि वो विज्ञान की पढ़ाई की तरफ गंभीरता दिखाए। जो विद्यार्थी विज्ञान के क्षेत्र में कुछ कर दिखाना चाहते है उनकी हर संभव मदद करे। विज्ञान को अब जलवायु परिवर्तन, बढ़ते प्रदूषण आदि को ध्यान में रखकर काम करना होगा।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
पेपर लीक पर कार्रवाई
उ.प्र. में पुलिस कर्मियों की भर्ती में पर्चा लीक होने की शंका जताई जा रही थी। जिसको अब सरकार ने रद्द कर दिया है। करीब 48 लाख युवाओं ने इस परीक्षा में भाग लिया और उम्मीद थी कि शीघ्र ही पुलिस की नौकरी मिल जाएगी। लीक की ये घटना युवा मन में कुंठा पैदा करता है। उ.प्र. के मुख्यमंत्री कड़ी कार्रवाई के पक्षधर रहे हैं। उन्होंने स्वयं कहा कि कार्रवाई ऐसी की जाएगी जो नजीर पेश होगी। देश के युवा यह अपेक्षा करते हैं कि भविष्य में पेपर लीक की घटना न हो इसलिए कड़ी कार्रवाई होनी ही चाहिए।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली