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आरक्षण की राजनीति
महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण को लेकर मंत्रिमंडल की बैठक बुलाई गई है। सुप्रीम कोर्ट में कुल मिलाकर 50 प्रतिशत से अधिक आरक्षण देने पर रोक लगा रखी है। आगामी आम चुनाव के मद्देनजर महाराष्ट्र में भी मराठाओं का आरक्षण दिया जाना तय है। सामान्य वर्ग के लिए यदि प्रतिभाशाली है तो विदेश में पलायन के सिवाय कोई रास्ता नहीं है। इधर हर जाति अपने लिए आरक्षण की मांग कर रही है। बेहतर यही है कि जातिगत आरक्षण को हटाकर आर्थिक आधार पर आरक्षण दिया जाए।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
तनाव से हृदयाघात
इक्कीस फरवरी को दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित केके तलवार का लेख ‘युवाओं में तनाव से उपजा हृदयाघात का बड़ा जोखिम’ बहुत ही लाभदायक था। आज न केवल युवा बल्कि हर आयु का व्यक्ति तनाव से ग्रसित है। धूम्रपान, शराब के अलावा अपनों से दूरी, मन की बात किसी से न कह पाना, घुटघुट के जीना, कुछ और पाने की होड़ ने हृदयाघात का खतरा बढ़ा दिया है। शारीरिक व्यायाम, अच्छा पौष्टिक भोजन, संयमित दिनचर्या, अपनों से बातचीत से इस खतरे से दूर रहा जा सकता है।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
हृदयस्पर्शी कथानक
ग्यारह फरवरी के अध्ययन कक्ष अंक में प्रभा पारीक की ‘प्रेम की मर्यादा’ वेलेंटाइन डे के उपलक्ष्य में कहानी शिक्षाप्रद, प्रेरणादायक रही। कथा नायिका की सादगी, आधुनिकता में रंगी युवतियों के मुंह पर करारा तमाचा रहा। संपन्न, संयमी, विवेकशील अशोक का आदर्श कथानक का अंतःपक्ष अत्यंत प्रभावशाली व हृदयग्राही था।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
नजीर का फैसला
सुप्रीम कोर्ट द्वारा चंडीगढ़ के मेयर चुनाव में हुई धांधली पर दिया गया निर्णय एक नजीर साबित होगा। कोर्ट ने जिस तरह से कार्रवाई की है ऐतिहासिक ही नहीं बल्कि राजनीतिक दलों को भी एक चेतावनी है। उम्मीद की जाती है कि सभी राजनीतिक दल अपनी कार्यशैली में तिकड़मबाजी जोड़-तोड़ और अमर्यादित आचरण को बढ़ावा नहीं देंगे।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
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