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चिकित्सा सेवा जरूरी
विश्व स्वास्थ्य संगठन के निर्धारित मानक को देखें तो दुनिया के मुकाबले हमारी स्थिति बेहतर है। बावजूद इसके अभी इस क्षेत्र में एक लंबा सफर तय करना बाकी है। राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग द्वारा उपलब्ध आंकड़ों को देखें तो देश में जून, 2022 तक 13.08 लाख एलोपैथिक चिकित्सक पंजीकृत हैं। आयुष चिकित्सकों को मिलाकर देश में 834 लोगों पर एक चिकित्सक उपलब्ध है। अब जरूरत बेहतर सेवा की है जिसके लिए बुनियादी जरूरतों के साथ ही दूर-दराज के अंचलों में निरंतर सेवा की उपलब्धि जरूरी है।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
राजनीति की गरिमा
बिहार में नीतीश सरकार द्वारा विधानसभा में विश्वास मत हासिल करने के साथ ही राजनीतिक उठापटक का दौर समाप्त दिखाई देता है। लेकिन इस पर जरूर आकलन करना चाहिए कि उठापटक की राजनीति के कारण क्या बिहार की राजनीतिक गरिमा को ठेस नहीं पहुंची है। यह देखना दिलचस्प होगा कि भाजपा द्वारा जनता दल यूनाइटेड, लोक जनशक्ति, हिंदुस्तान अवाम मोर्चा आदि दल एवं उपेंद्र कुशवाहा और मुकेश साहनी जैसे महत्वाकांक्षी जमीन से जुड़े नेताओं से कैसे निपटा जायेगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
कूटनीतिक कामयाबी
तेरह फरवरी के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘बड़ी कूटनीतिक कामयाबी’ कतर से आठ भारतीय सेवानिवृत्त नौसैनिकों को रिहा करवा कर भारत भेजना सरकार की एक बड़ी कूटनीतिक जीत है। अपने दो दिन के यूएई दौरे के बाद प्रधानमंत्री के कतर में जाने की संभावना है जहां पर वह भारत और कतर में आपसी संबंधों को मजबूत करने के लिए बातचीत करेंगे। अरब देशों के साथ संबंध सुधारने को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की प्रशंसा करनी होगी।
शामलाल कौशल, रोहतक