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विकास के संकल्प
‘रेवड़ियों से मुक्त बजट’ संपादकीय लेख में जिक्र है कि राजग सरकार ने विकसित भारत के संकल्प और आत्मनिर्भरता के लिए रेवड़ी नहीं बांटी है। भाजपा सरकार के पिछले दस वर्षों की उपलब्धि भविष्य में देश की आर्थिक प्रगति का दर्पण है। सोलर एनर्जी, तीन करोड़ लखपति दीदी बनाने की घोषणा, इनकमटैक्स में कोई बदलाव नहीं, जीएसटी कलेक्शन में इजाफा, आयुष्मान कार्ड के लिए आशा वर्कर्स और आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को शामिल करना, मेडिकल कॉलेजों और आईआईएम कॉलेजों की संख्या में वृद्धि ये इस बात का संकेत हैं कि अंतरिम बजट में लोक लुभावन घोषणाएं नहीं करके यथार्थपूरक बजट पेश किया गया है।
भगवानदास छारिया, इंदौर
प्रेरक पहल
दो फरवरी के दैनिक ट्रिब्यून में अरुण नैथानी का ‘ज्ञान नेत्र से उजाला फैलाती गरिमा’ लेख में गरिमा ने इस बात को साबित कर दिया है कि दृष्टिहीन होते हुए भी ग्रामीण तथा स्लम एरिया में छोटे बच्चों में पेंसिल, किताबें, खिलौने आदि बांटकर उनको पढ़ने में सक्षम बनाया जा सकता है। इस छोटी बच्ची ने साबित कर दिया परमात्मा जब लौकिक शक्ति लेता है तो अलौकिक शक्ति दे देता है। दृष्टिहीनता के बावजूद उसमें हौसला, संवेदनशीलता तथा उत्साह गजब का है। उसकी इस प्रतिभा को देखकर राष्ट्रपति, द्रौपदी मुर्मू ने उसे बाल पुरस्कार से सम्मानित किया।
शामलाल कौशल, रोहतक
राजनीतिक गिरावट
बिहार में एक बार फिर अवसरवादी राजनीति की जीत हुई है। बिहार के मुख्यमंत्री ने शानदार राजनीतिक कलाबाजी और करतब दिखाते हुए भाजपा के साथ मिलकर अपनी सरकार बनाई है। यदि भाजपा और जनता दल यू एक नई सरकार का गठन करते हैं तो बिहार की जनता को सोचना होगा। हो सकता है कि 2024 के चुनाव तक यह समझौता हो लेकिन इस बार ऐसा लगता है कि नीतीश कुमार के लिए परिस्थितियों आसान नहीं होंगी। बिहार की जनता राजनीतिक उठापटक घमासान और राजनीतिक गिरावट को बर्दाश्त नही करेगी।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली