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न्याय के विरुद्ध
दस जनवरी के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘न्याय के हक में’ बिलकिस बानो मामले में उम्रकैद की सजा पाये अपराधियों को समय से पहले गुजरात सरकार द्वारा छोड़ने के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट द्वारा फैसला देना न्याय प्रणाली में विश्वास बहाली करने वाला था। वास्तव में अपराधियों को समय-समय पर राज्य सरकार अनावश्यक पैरोल सुविधा भी देती रही है। अब भी इन्हें 14 वर्ष जेल की सजा पूरी होने पर अच्छे चाल चलन के कारण गुजरात सरकार ने रिहा कर दिया, जबकि ऐसे मामलों में आरोपियों को रिहा नहीं किया जा सकता।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
बोतल का बेताल
ग्यारह जनवरी के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘बोतल का बेताल’ चेतावनियों से भरपूर था। आजकल प्राय: विभिन्न समारोहों में प्लास्टिक की बोतलों में पानी पीने का रिवाज चल पड़ा है। वास्तव में यह बहुत सारी बीमारियों को निमंत्रण देने वाला है। ऐसे में बेहतर है कि लोग पीने के पानी के लिए परंपरागत साधनों का प्रयोग करें। दैनिक प्रयोग के लिए प्लास्टिक की बोतलों के बदले में स्टील, कांच या तांबे की बोतलों का प्रयोग किया जाए! बेशक यह महंगी हैं परंतु सुरक्षित हैं।
शामलाल कौशल, रोहतक
अनावश्यक विरोध
विपक्षी नेताओं में श्रीराम मंदिर के निर्माण और प्राण-प्रतिष्ठा को लेकर अनाप-शनाप बोलने की भारी होड़ लगी हुई है। सभी नेता एक मुद्दे पर सहमत हैं कि मोदी मंदिर का उद्घाटन क्यों कर रहे हैं? प्रभु श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा और सभी संस्कार विधिवत रूप से पुरोहितों द्वारा किए जाएंगे। मोदीजी भारत की जनता की तरफ से एक यजमान की भूमिका में होंगे। समझ से परे है कि यदि मोदी यजमान बनते हैं तो किसी को क्या समस्या हो सकती है?
अरविंद दिनकर तापकिरे, मुंबई