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जवाबदेही का नववर्ष
पहली जनवरी के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘नये संकल्पों का साल’ नये साल में हम सब से देश हित में कुछ अपेक्षा करने वाला रहा। वैसे देश में भारतीय नववर्ष की शुरुआत वसंत उत्सव के साथ बागों में फूल खिलते हैं, पक्षी चहचहाते हैं परंतु पश्चिमी देशों में हाड़ कंपकंपाने वाली बर्फीली ठिठुरन के साथ होती है। नया वर्ष बहुसंख्यकों से अपेक्षा करता है कि वह अल्पसंख्यकों को अपने साथ लेकर चले। मतदाताओं से अपेक्षा है कि वे लोक-कल्याण हेतु जनप्रतिनिधियों का चुनाव करें।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
अमर्यादित बोल
अनाप-शनाप अमर्यादित बोल का दौर बढ़ता जा रहा है। हाल ही में समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने हिन्दू धर्म को धोखा बताया। चिंतन का विषय है कि धर्म के नाम पर बांटने का खेल इस आधुनिक युग में क्या दर्शाता है। राजनीति के लिए इस तरह बयान देना लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है। देश में अगर इस वातावरण को ठीक नहीं किया गया तो विश्व में संदेश गलत पहुंचेगा।
हरिहर चौहान, गुरुग्राम