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उम्मीदों का सवेरा
पाकिस्तान के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हिंदू महिला डॉ. सवीरा प्रकाश ने आम चुनाव के लिए अपना नामांकन दाखिल किया है। गौरतलब है कि पाकिस्तान में ईसाई और सिख कम्युनिटी के साथ-साथ हिंदू भी अल्पसंख्यकों में आते हैं। ऐसे में अगर कोई हिंदू महिला पाकिस्तान में चुनाव लड़ने के लिए अपना नामांकन दाखिल करती है, तो यह पाकिस्तान के लिए ही गौरव की बात है। साथ ही इससे अल्पसंख्यक समुदाय के लोगों के मन में एक उम्मीद भी जागती है। वैसे पाकिस्तान के इतिहास में अब तक किसी भी चुनी हुई सरकार ने अपना पांच साल का कार्यकाल पूरा नहीं किया है। हालांकि, अब ये देखना दिलचस्प होगा कि अगर डॉ. सवीरा प्रकाश चुनाव जीत जाती हैं तो इससे अल्पसंख्यकों को कितना लाभ मिलेगा।
निधि जैन, गाजियाबाद
गरीबी और सोना
चौबीस दिसंबर के दैनिक ट्रिब्यून लहरें अंक में मधुरेंद्र सिन्हा का ‘सम्मोहन का सोना मुश्किल पाना-खोना’ लेख सोने की ऐतिहासिक जानकारी व कीमतों का विश्लेषण करने वाला रहा। सोने की कालाबाजारी व्यापार जगत व उच्च वर्ग की पहचान तथा आमजन की चाहत बन गई है। स्वर्णकारों की आभूषण कला धनी वर्ग तक की सीमित हो गई है। गरीब आदमी के लिए आभूषण बनवाने की सोचना संभव ही नहीं कठिन भी लगता है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
भूल और संकल्प
समय पल-प्रतिपल परिवर्तनशील है। परिवर्तन के इसी क्रम में साल 2023 को अलविदा और नये साल को सुस्वागतम कहने का समय आ गया है। एक तरह से यह पल अपने अंदर झांकने का भी है। अच्छाइयों-बुराइयों के आकलन और व्यवहार के विश्लेषण से ही सुधार के विचार का अंकुरण होगा। देर रात तक मौजमस्ती करके बीते वर्ष को अलविदा और नये साल का स्वागत करना तब तक किसी काम का नहीं जब तक हम पुरानी भूलों से सीख लेकर नये संकल्प नहीं लेते।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल