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राष्ट्रीय दलों का बल
राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणाम इस बात का स्पष्ट संकेत है कि देश में केवल दो पार्टी भाजपा और कांग्रेस राष्ट्रव्यापी स्वरूप के साथ चुनाव लड़ाई में दिखाई पड़ती हैं। उत्तर भारत की राजनीति एवं चुनावी लड़ाई में क्षेत्रीय पार्टियों का ज्यादा वजूद नहीं रहा है। भाजपा के प्रखर राष्ट्रवाद के कारण क्षेत्रीय राजनीतिक उभार को बड़ा धक्का लगा है और तीन राज्यों में कांग्रेस द्वारा किसी भी क्षेत्रीय दलों के साथ समझौता न करना स्पष्ट दर्शाता है कि कांग्रेस भी क्षेत्रीय दलों की पक्षधर नहीं है।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
सुक्खू का एक साल
सुक्खू सरकार के कार्यकाल का एक वर्ष पूरा हो गया। इस एक वर्ष में सरकार के लिए सबसे बड़ी चुनौती बनी प्राकृतिक आपदा। इस प्राकृतिक आपदा ने विकास के मामले में पीछे भी धकेला और प्रदेश को काफी आर्थिक नुकसान भी हुआ। प्रदेश सरकार ने इसके लिए काम भी किया है। अपने एक साल के कार्यकाल में यह सभी लोगों की उम्मीदों पर खरा कितनी उतरी ये आने वाला वक्त बताएगा।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
गर्म दशक
‘सबसे गर्म दशक’ संपादकीय में उल्लेख है कि एक दशक से मौसम चक्र में इतना अधिक परिवर्तन हुआ है कि कब कौन-सा मौसम कितने समय चलेगा, विश्वास से नहीं कहा जा सकता। ग्लोबल वार्मिंग और प्रदूषण ने पर्यावरण और मौसम को रोगों का जनक बना दिया है। इस बदलाव से प्राणी रोगों का शिकार हो रहे हैं। अच्छा हो कि उतना ही विकास करें जिससे मौसम चक्र न बदले।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
खतरनाक अपराधी
तेलंगाना के नगरकुर्नूल जिले में पुलिस ने गत दिन एक 'सीरियल किलर' को गिरफ्तार किया, जो कथित तौर पर छिपे खजाने का पता लगाने के वादे पर 11 लोगों की हत्या में शामिल था। ये लोग ज्यादातर भोले-भाले लोगों को अपना शिकार बनाते हैं। क्योंकि ऐसे लोग उनके जाल में आसानी से फंस जाते हैं। इसलिए ऐसे धोखेबाज लोगों से सावधान रहने की जरूरत है।
मोहम्मद तौकी, मुंबई