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शहीदों का स्मरण
सात दिसम्बर को हर वर्ष सशस्त्र सेना झंडा दिवस देश की सुरक्षा करने वाले और शहीद हुए सैनिकों के परिवार के लोगों के कल्याण के लिए मनाया जाता है। यह दिवस तीनों सेनाओं थलसेना, वायुसेना और नौसेना के प्रति सम्मान प्रकट करने का भी मौका होता है। देश के सभी नौजवानों, वो चाहे किसी भी धर्म या जाति से संबंध क्यों न रखते हों, को देश की शान बनाए रखने के लिए देशहित और समाज के लिए काम करने चाहिए। बच्चों को भी तीनों सेनाओं के साहस के कामों बारे बताना चाहिए। इसके लिए सभी शिक्षकों को भी प्रयास करना चाहिए।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
पहाड़ बचायें
चारधाम को सुगम बनाने हेतु बन रहे सुरंगी मार्ग में सत्रह दिन से फंसे 41 श्रमिकों को सुरक्षित निकालना सुखद रहा। मज़दूरों के बचाव अभियान में राज्य और केंद्र सरकार की एजेंसियों के साथ सेना, विभिन्न संगठन और विश्व के नामी टनल विशेषज्ञ शामिल थे। लेकिन मानना होगा कि पर्वतीय क्षेत्र में होने वाले निर्माण कार्य सुरक्षित नहीं होते। उल्लेखनीय है कि खनन और वृक्षों की कटाई के बाद ऐसा निर्माण संभव होता है और इससे पहाड़ों का स्वरूप बिगड़ता ही है। मौसम परिवर्तन और निर्माण से पहाड़ों के बढ़ते क्षरण के लिए भी मानव ही जिम्मेदार है। पहाड़ी क्षेत्रों में अत्यावश्यक निर्माण कार्य पूर्ण निगरानी और अत्याधुनिक साधनों की उपलब्धता पर ही हो।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन
जनादेश के निहितार्थ
भाजपा ने मध्यप्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ में जीत हासिल कर हिंदी पट्टी में अपनी पकड़ मजबूत कर ली है। राजस्थान, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में भगवा जीत के सामने कांग्रेस के लिए कुछ राहत की बात यह है कि पार्टी ने तेलंगाना में बीआरएस को हराकर विधानसभा चुनाव जीत लिया। वहीं जहां भाजपा ने मध्य प्रदेश में फिर से वापसी की, वहीं छत्तीसगढ़ व राजस्थान में कांग्रेस के हाथ से सत्ता चली गई। यह अगले साल होने वाले फाइनल से पहले सेमीफाइनल माना जा रहा है।
जे शेख अज़ीज़ी, मुंबई