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पराली का समाधान
पंजाब में पराली जलाने के केस लगातार बढ़ते जा रहे हैं। प्रशासन की सख्ती के बावजूद पंजाब में पराली जलाने के केस रुक नहीं रहे। बीते रविवार को पराली जलाने की 740 घटनाएं दर्ज की गईं। इस सीजन में अब तक 34,459 से अधिक मामले सामने आ चुके हैं। यही वजह है कि पंजाब में प्रदूषण का स्तर बहुत खराब कैटेगरी में रिकॉर्ड हुआ। हालांकि औसत एक्यूआई ऑरेंज लेवल पर है। इस समय के दौरान 340 किसानों के राजस्व रिकार्ड में रेड एंट्री भी की गई हैं। सवाल उठता है कि सख्ती के बावजूद प्रदूषण से कोई राहत क्यों नहीं मिल रही है। सरकार को पराली निपटान के लिए स्थायी समाधान निकालना चाहिए।
हितेश कुमार, पीयू, चंडीगढ़
हादसे के सबक
बारह नवंबर को उत्तराखंड की निर्माणाधीन सिलक्यारा सुरंग ढह गई। जिसमें सुरंग में 41 मजदूर फंस गए। हालांकि प्रशासन द्वारा मजदूरों को बाहर निकालने के प्रयास किये जा रहे हैं, लेकिन दिनप्रतिदिन टनल में फंसे मजदूरों का सब्र टूट रहा है। बेशक प्रशासन की तरफ से श्रमिकों को पाइप के जरिए पानी, चना, मुरमुरे, केला, सेब और दलिया आदि समान भी लगातार भेजा जा रहा है। मजदूरों के परिजन भी लगातार प्रशासन पर लापरवाही और रेस्कयू ऑपरेशन में देरी के आरोप लगा रहे हैं। मजदूरों के रिश्तेदारों की चिंता भी जायज है।
निधि जैन, गाजियाबाद
फिर भी उपलब्धियां
भारतीय क्रिकेट टीम शानदार ऐतिहासिक प्रदर्शन करते हुए फाइनल में पहुंची थी, लेकिन फाइनल में हार का सामना करना पड़ा। हमें नहीं भूलना चाहिए कि भारतीय क्रिकेट टीम ने शानदार प्रदर्शन करते हुए 10 मैच लगातार जीते थे और भारत के बल्लेबाज और बॉलर्स का प्रदर्शन भी दमदार रहा था। कुल मिलाकर देखा जाए तो भारत की भूमि पर क्रिकेट विश्वकप का आयोजन बेहद सफल रहा और भारत के स्टेडियम भी विश्व स्तर के साबित हुए।
वीरेन्द्र कुमार जाटव, दिल्ली
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