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09:48 AM Nov 22, 2023 IST

दवा के दर्द

अठारह नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून में दीपिका अरोड़ा का लेख ‘तंत्र व कानून की सख्ती कसेगी नकेल’ नकली दवाइयों के उत्पादन तथा उनके प्रयोग से होने वाले नुकसान के बारे में आगाह करने वाला था। भारत विश्व का दवाइयां बनाने वाला तीसरा बड़ा देश है। तुलनात्मक लागत कम होने के कारण हम दवाइयों का निर्यात भी करते हैं। लेकिन मिलीभगत व कानून की अवहेलना करके यहां विश्व की 35 फीसदी नकली दवाइयां बनती हैं जो एक घोर अपराध है। इस संदर्भ में सख्त कानूनी कार्रवाई करने की जरूरत है। साथ ही दवाइयों का इस्तेमाल करने वालों में जागरूकता का होना भी जरूरी है!
शामलाल कौशल, रोहतक

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कनाडा से मोहभंग

इक्कीस नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून में अमरजीत भुल्लर का ‘बदलते हालात में युवाओं का कनाडा से मोहभंग’ लेख युवा वर्ग में विदेश जाकर धन कमाने की चाहत के प्रति सचेत करने वाला था। कनाडा की अर्थव्यवस्था के सूचकांक में आए दिन गिरावट चिंता का विषय है। इन हालात के चलते प्रवासी भारतीयों का स्वदेश लौटना जायज है। भविष्य में आर्थिक मजबूती को सुदृढ़ बनाने के लिए कनाडा सरकार को चाहिए कि प्रवासी युवाओं को वीजा प्रदान करने की गति को धीमा करके रोजगार के अवसरों में तीव्रता लाने पर गंभीरता से विचार करे।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल

टीम ने दिल जीते

वर्ल्ड कप भले ही ऑस्ट्रेलिया ने जीत लिया लेकिन सभी क्रिकेट फैंस का दिल भारतीय खिलाड़ियों ने जीत लिया। विराट कोहली की आकर्षक पारी, शमी की धुआंधार गेंदबाजी और रोहित की बेहतर कप्तानी हमेशा सभी चाहने वालों के दिल में रहेगी। अभी तो नहीं लेकिन निश्चित तौर पर हम अगले चैंपियन बनेंगे। भारतीय टीम प्रबंधन को युवराज सिंह, सुरेश रैना और इरफान पठान जैसे खिलाड़ी बनाने पर काम करना चाहिए, जो सभी परिस्थितियों का सामना कर सकें।
तौकीर रहमानी, मुंबई

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