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संयमित जीवन
सोलह नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून में केके तलवार का बेहतरीन लेख ‘संयमित शारीरिक गतिविधि रोकेगी अचानक मौत’ हृदयाघात से मरने वालों का विश्लेषण करने वाला था। लेखक का मानना है कोविड से प्रभावित लोग भी संभावित हृदयाघात से मरने वालों की श्रेणी में शामिल किया जा सकते हैं, हालांकि इस बात का कोई सबूत नहीं है। यह सही है कि जिन लोगों को दिल की तकलीफ है उन्हें कठिन व्यायाम नहीं करना चाहिए। शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए, धूम्रपान तथा शराब सेवन करने से तौबा करनी चाहिए। अधिक से अधिक पैदल चलकर शरीर को चुस्त रखना चाहिए। समय-समय पर हृदय विशेषज्ञ डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए। लेख जानकारी देने वाला था।
शामलाल कौशल, रोहतक
आत्मघाती जि़द
सुप्रीम कोर्ट के आदेश को दरकिनार कर दिल्ली में बड़े पैमाने पर की गई आतिशबाजी को उचित नहीं ठहराया जा सकता। दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते प्रकोप से स्वास्थ्य चिंताएं बढ़ी हैं। यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि लोग हठधर्मिता और उत्सव प्रतिबद्धता को लेकर आतिशबाजी पर आमादा रहे। यदि हम धार्मिक उत्सवों को परिस्थितियों के अनुसार नहीं मनाएंगे और जिदबाजी करके जीवन को खतरे में डालेंगे तो यह अपने पैरों पर कुल्हाड़ी मारना साबित होगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
विराट पारी
भारतीय पारी में आकर्षण का केंद्र रहे विराट, वानखेड़े में न्यूजीलैंड के खिलाफ विश्वकप सेमीफाइनल में अपने आदर्श सचिन तेंदुलकर के सामने वनडे क्रिकेट में पचासवां शतक बनाने वाले दुनिया के पहले क्रिकेटर बने। उनका शतक इस विश्वकप का तीसरा और वनडे करिअर का 50वां शतक था। ये एक ऐसा पल है जो सदियों तक याद रखा जाएगा। उनका यह करिश्मा एक इतिहास में शामिल होगा।
तौकीर रहमानी, मुंबई