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चीन की मंशा
भारत भूटान को लंबे समय से सभी प्रकार का सहयोग और सहायता देता रहा है। मगर चीन की कुटिल नजरें भारत के आसपास बसे सभी देशों पर लगी हुई हैं। भारत के पड़ोसी राष्ट्र को चीन बड़ी मात्रा में कर्ज दे रहा है सड़कें बनवा रहा है ताकि आगे-पीछे यह सब युद्ध की स्थिति में उपयोग में ले सके। भूटान से पहले उसने श्रीलंका, नेपाल और पाकिस्तान में भी अपनी जड़ें जमा ली हैं। विडंबना ही है कि इन देशों ने भारत के इतने वर्षों की सहायता और सहयोग को दरकिनार कर चीन से गुपचुप हाथ मिला लिए हैं। सरकार को अपनी सीमाओं पर और अधिक चौकसी बढ़ानी होगी।
विभूति बुपक्या, खाचरौद, म.प्र.
सहिष्णुता की जरूरत
विश्व में सहिष्णुता को बढ़ावा देने और जन-जन में शांति, सहनशीलता एवं संवेदना के लिए जागरूकता बढ़ाने के लिए हर वर्ष 16 नवम्बर को अंतर्राष्ट्रीय सहिष्णुता दिवस के रूप में मनाया जाता है। इसका उद्देश्य संसार में हिंसा की भावना और नकारात्मकता को खत्म कर अहिंसा को बढ़ावा देना है। दुनिया में बढ़ते अत्याचार, आतंक, हिंसा और अन्याय को रोकने और लोगों को सहनशीलता और सहिष्णुता के प्रति जागरूकता की भावना जगाने के लिए इस दिवस की विशेष प्रासंगिकता है। यह दिवस सभी धर्मों और अलग-अलग संस्कृतियों को एक होने की प्रेरणा देता है।
अजय, पीयू, चंडीगढ़
खतरे की घंटी
पृथ्वी का औसत तापमान बढ़ा रही ग्रीनहाउस गैसों की मात्रा नए रिकॉर्ड पर पहुंच गई है। इसके अनुसार वृद्धि में कोई कमी नजर नहीं आ रही है। दशकों से मिल रही वैज्ञानिकों की तमाम चेतावनियों, जलवायु कॉन्फ्रेंस, रिपोर्ट्स आदि के बावजूद ग्रीन हाउस गैसों का मौजूदा उत्सर्जन स्तर पृथ्वी के तापमान को बढ़ाता जा रहा है। इसका परिणाम अत्यधिक गर्मी, बाढ़, ग्लेशियर पिघलने, समुद्र स्तर बढ़ने के रूप में सामने आएगा। हमें जीवाश्म ईंधन का उपयोग घटाना होगा।
सुमन शर्मा, पीयू, चंडीगढ़