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आपकी राय

08:08 AM Nov 15, 2023 IST
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ज़हर बेचने का खेल

यमुनानगर में जहरीली मदिरा के सेवन से लगभग डेढ़ दर्जन लोगों का काल कवलित हो जाना दुर्भाग्यपूर्ण घटना है। शराब माफियाओं ने कानून को ठेंगा दिखाकर अपना घिनौना व्यवसाय जारी रखा हुआ है। इसे आबकारी कराधान विभाग, प्रशासन, पुलिस, राजनीति एवं ब्यूरोक्रेसी की लापरवाही कहें अथवा मिलीभगत कहें कि नकली शराब का अवैध कारोबार कई जिलों में फल फूल रहा है। सरकार, पुलिस विभाग एवं प्रशासनिक अमला यह सुनिश्चित करें कि किसी भी सूरत में हरियाणा में नकली और जहरीले शराब की बिक्री नहीं हो पाए।
युगल किशोर शर्मा, फरीदाबाद

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पर्व का मर्म

भाई-बहन के पवित्र रिश्ते में एक नया रंग भरने के लिए और प्यार के बंधन में मिठास घोलने के लिए भैया दूज मनाया जाता है। यहां यह बात भी गौर करने वाली है कि जिस देश में भैया दूज का त्योहार मनाया जाता हो, वहां पर लड़कियों का ही सुरक्षित न होना, और इनके साथ भेदभाव होना निंंदनीय है। हर त्योहार और पर्व को मनाने के साथ, उसके मकसद को जानना चाहिए। उस पर अमल भी करना चाहिए। ताकि त्योहारों-पर्वों की मान मर्यादा बची रहे और भारत की सभ्यता संस्कृति को चार चांद लगे। साथ ही एक अच्छे सभ्य समाज का निर्माण हो।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर


हक न मिला

संसद में नारी शक्ति वंदन अधिनियम को पास करके इतिहास रचा गया था। संसद एवं विधानसभा में महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत आरक्षण लागू किया जाएगा। पड़ताल करने पर पता चला कि पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में राजनीतिक दलों द्वारा 12 से लेकर 15 प्रतिशत तक ही महिलाओं को टिकट दिये गये। आधी आबादी को 33 प्रतिशत का तो केवल सपना ही दिखाया गया है। स्पष्ट है यदि कानून की बाध्यता न हो तो राजनीतिक दल आसानी से महिलाओं को उचित प्रतिनिधित्व देने के लिए कतई तैयार नहीं हैं।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली

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