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स्थायी कदम उठाएं
दिल्ली में बढ़ते वायु प्रदूषण के लिए प्रशासन ने दिल्ली के करीबी राज्यों को जिम्मेदार ठहराया है। चिंता की बात यह है कि खेतों में आग नहीं रुक रही है। इस बार दिल्ली की हवा में जहर घोलने के लिए मौसमी कारक भी जिम्मेदार हैं। रिसर्च एजेंसी क्लाइमेंट ट्रेंड्स का डेटा बताता है कि पंजाब-हरियाणा से आने वाली हवा और दिल्ली के प्रदूषण का गहरा नाता है। हवा की गति कम है। इसलिए प्रदूषक तत्व हवा के साथ बहकर दूर नहीं जा पा रहे। बढ़ते प्रदूषण के कारण स्कूल भी बंद कर दिए हैं। दिल्ली सरकार को स्थायी कदम उठाने की जरूरत है।
हितेश कुमार, पीयू, चंडीगढ़
युद्ध रोकें
इस्राइल-हमास युद्ध को अब तक एक महीना बीत गया है। हमास के कई कमांडरों को ढेर करने का दावा इस्राइली सेना अभी भी कर रही है। 7 अक्तूबर को हमास के आतंकियों ने इस्राइल पर अचानक हमला किया था। इस्राइल ने अपना लक्ष्य तय किया है कि वह हमास का अस्तित्व समाप्त करके ही दम लेगा। कोई भी मुस्लिम और अरब देश खुलेआम हमास को ‘आतंकी संगठन’ मानने को तैयार नहीं है। वैसे यह युद्ध अब रुकना चाहिए।
गायत्री, पीयू, चंडीगढ़
गहन संवेदना
पांच नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून अध्ययन कक्ष अंक में अरुण नैथानी की ‘मुखर मौन संवेदना’ कहानी दिल को छू जाने वाली रही। कथा नायक शेरू कुत्ते की संवेदनशीलता आत्मविभोर कर रही थी। वहीं दूसरी ओर ईर्ष्यालु प्रवृत्ति का जन विरोध शेरू के प्रति सहानुभूति दर्शा रहा था। शीर्षक अनुरूप कथ्यात्मक शैली मानवीय संवेदना का अनोखा मिश्रण बन पाया।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
माटी की रोशनी
मिट्टी के दीयों का प्रचलन हमारी संस्कृति में पुराने समय से है। पर आजकल चकाचौंध के चलते लोग सजावटी दीये लेना ज्यादा पसंद करते हैं। मिट्टी के दीये बनाने वालों की कितनी मेहनत लगती है और इसी त्योहारों के मौसम में उन्हें आमदनी की उम्मीद होती है। लोगों को चाहिए कि वे दीवाली पर मिट्टी के दीये खरीद इनके घर भी रोशनी करें।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली