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राजनीतिक भ्रष्टाचार
छह नवंबर के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘मुफ्त का राशन’ के अंतर्गत पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव की प्रक्रिया के चलते प्रधानमंत्री ने मुफ्त अनाज देने की घोषणा की है। यह सही है कि योजना 2020 में कोरोना संकट के चलते एक बड़ी आबादी के सामने खाने-पीने का संकट पैदा हो गया था। लेकिन इस योजना को लगातार आगे बढ़ाने की तार्किकता भी तो होनी चाहिए। जबकि इसका निर्णय वर्ष 2024 के संसदीय चुनाव के बाद बनने वाली सरकार पर छोड़ना चाहिए था। प्रधानमंत्री द्वारा मतदाताओं को लुभाने के लिए पांच किलो मुफ्त अनाज वितरण से खाद्य भंडारण पर ही नहीं बल्कि आम जनता पर भी बड़ा बोझ है। इस प्रकार दलों द्वारा जनता को मुफ्त की सुविधा देना राजनीतिक भ्रष्टाचार है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
डेंगू मच्छर की काट
डेंगू मच्छरों की काट के लिए वोल्बाचिया नामक जीवाणुओं को फैलाने वाले मच्छरों को विकसित किया गया है। जो इन मच्छरों से समागम करके अपनी प्रजाति को फैलाते हैं। इसके परिणाम उत्साहजनक हैं। भारत में भी हर साल डेंगू से हजारों लोगों की मौत हो जाती है। इसके लिए अस्पताल में इलाज के साथ अगर इन मच्छरों को भी विकसित किया जाए तो प्राकृतिक रूप से डेंगू पर धीरे-धीरे सफलता प्राप्त की जा सकती है। स्वास्थ्य मंत्रालय को इस बारे में पहल करनी चाहिए।
अजय, पीयू, चंडीगढ़
तकनीक का दुरुपयोग
आजकल सोशल मीडिया पर फेक वीडियो बनाकर उसे वायरल किया जा रहा है। इससे दूसरे लोगों को तो परेशानी होती है लेकिन जिसका वीडियो बनाया जाता है उसे मानसिक वेदना से गुजरना पड़ता है। इसलिए सरकार को जल्द से जल्द इस तकनीक का गलत उपयोग करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करनी चाहिए। साथ ही तकनीक के गलत इस्तेमाल पर भी रोक लगानी चाहिए।
निधि जैन, गाजियाबाद