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चीन के मंसूबे
भारत और चीन के रिश्तों में पड़ी खटास दूर होने का नाम नहीं ले रही है। संबंधों को सामान्य बनाने की दिशा में प्रयास के बजाय चीन उसमें आग लगाने को प्रयासरत है। अमेरिकी रक्षा मुख्यालय पेंटागन ने एक रिपोर्ट में डोकलाम, पैंगोंग क्षेत्र में बुनियादी ढांचों का निर्माण, भंडारण सुविधा, झील पर पुल निर्माण और हवाई अड्डे तथा हेलीपैड के निर्माण का दावा किया है। भारत इस दिशा में लगातार यथास्थिति बहाल करने को आतुर है तो ड्रैगन पीठ में छुरा घोंपने में लगा है। बीस दौर की वार्ता के बाद भी अगर नतीजा यही निकले तो फिर ऑपरेशन ही शांति स्थापित करने में सहायक सिद्ध हो सकता है। सीमा पर ज्यादा सुस्ती दुश्मन की हौसला अफजाई ही करेगी।
अमृतलाल मारू, इन्दौर, म.प्र.
अपराध और राजनीति
पांच अक्तूबर के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘अपराध और राजनीति की रिश्तेदारी नकारें’ विषय पर चर्चा करने वाला था। विडंबना है कि देश की राजनीति का अपराधीकरण हो चुका है जो कि लोकतंत्र के लिए खतरा है। हर दूसरा विधायक या सांसद दागी है। यही कारण है कि अपराधी छवि वाले अधिकांश नेता माननीय कहलाते हैं और सदन में संविधान की अवहेलना करते हैं। ऐसे में मतदाताओं का कर्तव्य बन जाता है कि वे अपराधी छवि वाले उम्मीदवार को नकार दें।
शामलाल कौशल, रोहतक
खुलते एकता के बंधन
राजस्थान, मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ में जिस तरह से आम आदमी पार्टी और समाजवादी पार्टी प्रत्याशी खड़े किए जा रहे हैं, दर्शाता है कि इंडिया गठबंधन में ठहराव आ चुका है। पंजाब, दिल्ली, पश्चिम बंगाल और हरियाणा में भी इंडिया गठबंधन घटक दलों में आरोप-प्रत्यारोप और हावी होने की प्रवृत्ति गठबंधन के लिए गंभीर चुनौती है। घटक दलों ने इंडिया गठबंधन को बैकफुट पर लाकर रख दिया है। सच यह है कि इस समय न एनडीए की चर्चा है न इंडिया गठबंधन की चर्चा है। सभी राजनीतिक दल अपनी राजनीति चमकाने और मजबूत करने में लगे हैं।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली