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चुनावी रणभेरी
भारत के निर्वाचन आयोग की अधिसूचना के साथ ही मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, मिजोरम एवं तेलंगाना में चुनावी बिगुल बज चुका है। सभी राजनीतिक दल राजनीतिक बिसात बिछाने और गोटियां फिट करने में लग गये हैं। यह चुनाव सेमीफाइनल है जिस पर देशभर की निगाहें लगी हैं। उत्तर भारत के तीन राज्यों में मुख्य लड़ाई भाजपा और कांग्रेस में होगी। यदि कांग्रेस इन तीनों राज्यों में चुनाव जीत जाती है तो कांग्रेस के लिए वरदान साबित होगा। यदि तीनों राज्यों में भाजपा सरकार बनती है तब भाजपा में मोदी का कद और महत्वपूर्ण होगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
नगर निगम चुनाव
पंजाब में नगर निगमों के चुनाव 15 नवंबर से पहले करवाए जाने को हरी झंडी पंजाब के स्थानीय निकाय विभाग ने दे दी। पिछले कुछ महीनों से यह चुनाव जालंधर में वार्डबंदी की तकरार को लेकर टल रहा था। अच्छी बात है कि यह चुनाव होने जा रहा है, लेकिन अक्तूबर और नवंबर तो त्योहारों का मौसम है। सबसे बड़ा त्योहार दीपावली भी इसी अवधि में होता है। हो सकता है कि कुछ मतदाता इस समय त्योहार के मौके राज्य से बाहर हों। संबंधित विभाग को चाहिए कि चुनाव को 15 नवंबर के बाद करवाएं, ताकि हर मतदाता इस चुनाव में भाग ले सके।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर
समाज का आईना
आठ अक्तूबर के दैनिक ट्रिब्यून अध्ययन कक्ष अंक में अरुण नैथानी का ‘बेहद आत्मीय और संवेदनशील इंसान भी थे मुंशी प्रेमचंद’ साहित्यकारों से संस्मरण ज्ञानवर्धक, प्रेरणादायक रहा। साहित्य जगत के मूर्धन्य कथाकार-उपन्यासकार मुंशी प्रेमचंद की साहित्य रचनाएं सामाजिक विद्रूपताओं का अक्स उकेरने में सफल रहीं। केदारनाथ भटनागर से मुंशी प्रेमचंद का परस्पर वार्तालाप मन मस्तिष्क में अमिट छाप छोड़ गया। मुंशी प्रेमचंद की अतुलनीय साहित्यिक देन भुलाई नहीं जा सकती।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल