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आधी दुनिया का हक
सात अक्तूबर के दैनिक ट्रिब्यून में डॉ. ऋतु सारस्वत का लेख ‘महिलाओं की राजनीतिक उदासीनता के निहितार्थ’ विषय पर चर्चा करने वाला था! सरकार ने संसद में महिला आरक्षण बिल अर्थात नारी शक्ति वंदन अधिनियम पास करवा लिया है जिसके मुताबिक विधानसभा तथा संसद में एक-तिहाई महिलाओं का होना अनिवार्य कर दिया गया है। सवाल यह है कि क्या इस कानून के पास हो जाने से महिलाएं राजनीति में सक्रिय हो सकेंगी। इस बात की संभावना ज्यादा है कि पुरुष प्रधान समाज महिलाओं को सक्रिय राजनीति में आने से रोकेगा।
शामलाल कौशल, रोहतक
ओल्ड पेंशन का मुद्दा
देश की राजधानी में ओल्ड पेंशन स्कीम की मांग पर जोरदार रैली का आयोजन राजनीतिक दलों के लिए एक गंभीर विचारणीय प्रश्न होगा। रैली के आयोजन का संदेश है कि लोकसभा चुनाव 2024 चुनाव में यह एक बड़ा मुद्दा बनेगा। इस मंच से पेंशन की विरोधाभास व्यवस्था पर प्रश्न खड़े किए गए कि कर्मचारियों को ओल्ड पेंशन क्यों नहीं जबकि सांसद विधायक को ओल्ड पेंशन दी जा रही है।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली