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संयुक्त में समृद्धि
छब्बीस सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून में रेनू जैन का ‘बड़े परिवार की छाया का सुकून’ लेख एकाकी परिवार की बढ़ती प्रवृत्ति के मद्देनजर संयुक्त परिवार की उपयोगिता पर प्रकाश डालने वाला था। कोरोना काल में अकेले रहने का अवसाद, आर्थिक बदहाली, तनाव का दंश सब ने झेला है। आज संयुक्त परिवार एकाकी परिवारों में तब्दील हो रहे हैं। एकाकी परिवारों में तनाव, तलाक, बाहरी लोगों का हस्तक्षेप, संस्कारों का अभाव, आर्थिक तंगी आदि का तुलनात्मक मूल्यांकन किया जाए तो संयुक्त पारिवारिक प्रथा में सुख-समृद्धि संपन्नता के दर्शन होते हैं।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
दिल की सेहत
दैनिक ट्रिब्यून में ‘हार्ट डे’ पर प्रकाशित लेख ‘संतुलित जीवनशैली में ही स्वस्थ दिल का राज’ इस विषय पर चर्चा करने वाला था। लेख दिल की बीमारियों के प्रभाव तथा इससे बचने के उपाय बताने के कारण बहुत उपयोगी रहा। दुनिया में एक-तिहाई लोग दिल की बीमारियों के कारण मरते हैं। असंतुलित भोजन, बिगड़ी हुई जीवनशैली, तनाव, व्यायाम न करना, मोटापा दिल को अपना शिकार बनाता है। जरूरी है कि तनाव से बचें, खानपान का ध्यान रखें, व्यायाम करें, समय-समय पर डॉक्टर से अपना चेकअप भी कराते रहें।
शामलाल कौशल, रोहतक
प्रेरक जीवन
चौबीस सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून के लहरें अंक में डॉ. योगेन्द्र नाथ शर्मा ‘अरुण’ द्वारा अमेरिकी जीवन बारे जो विचार लिखे गये हैं वे भारतीय नागरिकों के लिये बेहद प्रेरणादायक हैं। उन्होंने बताया कि अमेरिका में हर घर में वाहन है, लेकिन इतनी भारी संख्या होने उपरांत आप कभी हॉर्न की आवाज नहीं सुन सकते। दूसरा स्वच्छता का पूरा ध्यान रखा जाता है। हर जगह कूड़ादान हैं। लेख रोचकपूर्ण था।
वेदपाल राठी, रोहतक