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पर्याप्त उपचार मिले
पंद्रह सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून में डॉ. रमेश ठाकुर का लेख ‘बचाव को कारगर रणनीति बनाने का वक्त’ रेबीज के कारण मरने वाले लोगों की संख्या में वृद्धि को देखते हुए चेतावनियों से भरपूर था। आजकल लगभग हर शहर में आवारा तथा पालतू कुत्तों की संख्या बढ़ती जा रही है। कई बार कुत्ते के काटने से सरकारी अस्पतालों में भी रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध नहीं होते, यह एक गंभीर समस्या है। प्राइवेट हॉस्पिटल वाले रेबीज के इंजेक्शन की भारी-भरकम राशि वसूल करते हैं। सरकार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि सरकारी अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में हर समय रेबीज के इंजेक्शन हों।
शामलाल कौशल, रोहतक
दागदारों पर अंकुश
राजनीति और अपराध एक-दूसरे के पूरक हो चुके हैं। राजनीति में आजकल बाहुबलियों का ही बोलबाला है। लेकिन अपराधीकरण के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में जिस तरह की रिपोर्ट पेश की गई है अगर उस पर ठीक से अमल हो जाए तो राजनीति स्वच्छ हो सकती है। दागी नेताओं को कोर्ट से दोषी करार दिए जाने के बाद आजीवन चुनाव लड़ने पर रोक की मंशा जायज लगती है जो फिलहाल 6 वर्ष निर्धारित है। इस मामले में बुद्धिमत्ता से निर्णय लिए जाने की जरूरत है ताकि राजनीति में स्वस्थ चरित्र और सेवाभावी लोग आगे आ सकें।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
नारी शक्ति वंदन
प्रधानमंत्री ने नयी संसद में प्रथम संबोधन में ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ बिल को पास करने का संकल्प जताया है। उम्मीद है कि केंद्र सरकार इस पर गंभीर होगी। हो सकता है कि इस पर कुछ सुझाव विपक्ष की तरफ से आएं जिनको बिल में समाहित करने की जिम्मेदारी भी केंद्र सरकार की होगी। देश की पंचायत से लेकर नगर निगम के चुनाव में भी महिलाओं के लिए आरक्षण का प्रावधान है और अनुसूचित जाति, जनजाति, ओबीसी महिलाओं के लिए भी आरक्षण है। आशा है कि इस सत्र में इस प्रश्न का जवाब जरूर मिलेगा।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली