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उपलब्धियों का सम्मेलन
ग्यारह सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘शिखर की सफलता’ दिल्ली में जी-20 सम्मेलन भारत की कूटनीति की सफलता का वर्णन करने वाला था। सम्मेलन के पहले दिन साझे घोषणापत्र पर सहमति जताना एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। घोषणा पत्र में जहां यूक्रेन-रूस युद्ध का वर्णन किए बिना संयुक्त राष्ट्र के चार्टर पर चलने, परमाणु हथियारों का प्रयोग न करने की बात कही गई है। वहीं भारत की निष्पक्षता सचमुच सराहनीय है। अमेरिका द्वारा भारत को सुरक्षा परिषद में स्थाई सदस्यता पाने में सहयोग, 50 देशों वाले अफ्रीकन संघ को जी20 का सदस्य बनाना महत्वपूर्ण था। भारत-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर बनने पर सहमति बनना काबिले तारीफ है।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता
तेरह सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘जनतंत्र की अनिवार्य शर्त स्वतंत्र अभिव्यक्ति’ लोकतंत्र की सफलता के लिए लोगों तथा मीडिया की स्वतंत्रता की अनिवार्यता पर बल देने वाला था। अभी-अभी हमारे देश में जी-20 सम्मेलन सफलतापूर्वक संपन्न हुआ! मेजबान भारत ने विवादित विषयों से बचते हुए सम्मेलन के पहले ही दिन सर्वसम्मति से साझा प्रस्ताव की घोषणा कर दी। कहना न होगा कि प्रधानमंत्री मोदी ने अपने शासन काल में कभी भी प्रेस कॉन्फ्रेंस नहीं की। लोकतंत्र की सफलता के लिए अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पहली शर्त है।
शामलाल कौशल, रोहतक
सार्थक पहल
केंद्र सरकार ने लगभग 75 लाख नए गैस कनेक्शन गरीबों को मुफ्त उज्ज्वला योजना के तहत देने की बात कही है। देश के गांवों में आज भी लोग खाना बनाने के लिए चूल्हे में लकड़ी और गोबर के उपले का प्रयोग करते हैं। वर्ष 2010 में प्रकाशित ग्लोबल बर्डन ऑफ डिजीज में बताया गया था कि देश में घरेलू वायु प्रदूषण दूसरा सबसे बड़ा जानलेवा कारण है। बेशक सरकार उज्ज्वला योजना गरीबों की मदद के लिए लाई है, लेकिन सभी जरूरतमंद लोगों को इसका लाभ शायद ही मिलता होगा।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर