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हिंदी की प्रतिष्ठा
केंद्र व राज्य सरकारों के कार्यालयों, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों, सरकारी प्रतिष्ठानों आदि में हिंदी दिवस पर आयोजनों का शुभारंभ हो रहा है। राजभाषा हिंदी के प्रचार-प्रसार में हिंदी कार्यशाला, काव्य पाठ, निबंध लेखन, त्वरित भाषण आदि प्रतियोगिताओं का दौर प्रारंभ हो गया है। राजभाषा के प्रति राष्ट्रभक्ति की तरह प्रेम जताने, राजभाषा का प्रयोग बढ़ाने एवं विचार मंथन करने से हिंदी की गरिमा में चार चांद लगाये जा सकते हैं।
युगल किशोर शर्मा, फरीदाबाद
विदेश नीति की सफलता
ग्यारह सितम्बर के सम्पादकीय लेख ‘शिखर की सफलता’ को देखते हुए अहसास होता है कि दुनिया ने भारतीय कूटनीति का लोहा माना है। कूटनीतिक कौशल के साथ भारत सरकार ने शब्दों के चयन में ऐसी कुशलता दिखाई कि अमेरिका और पश्चिमी देशों के साथ रूस और चीन के प्रतिनिधि भी साझा प्रस्ताव से सहमत हुए। वास्तव में जी-20 सम्मेलन भारत के नाम रहा। वैश्विक मुद्दों पर बीस देशों की सहमति बनाना एक कठिन काम था,जिसे भारत ने सम्भव बनाया।
डॉ़ जयभगवान भारद्वाज, नाहड़
कामयाबी की राह
भारत में स्पाइस रूट के लिए सहयोगी देशों से सहमति व हस्ताक्षर करवा कर बड़ी उपलब्धि हासिल की। यह बहुत बड़ा प्रोजेक्ट है जो लंबे समय में पूरा होगा और इतने बड़े प्रोजेक्ट में कई देश शामिल होंगे तो जाहिर है कि कुछ दिक्कतें भी आएंगी मगर यह तमाम राष्ट्रों के लिए भी यह बेहद फायदेमंद सौदा है। व्यापार के साथ इस नए रूट से कम लागत में पर्यटन की संभावनाएं भी हैं।
सुभाष बुड़ावनवाला, रतलाम, एमपी
दूरगामी प्रभाव
जी-20 देशों के राष्ट्र प्रमुखों का जोरदार स्वागत, डिनर डिप्लोमेसी एवं अंतर्राष्ट्रीय शिखर सम्मेलन के सफल आयोजन ने पूरे विश्व को एक संदेश दिया है कि अब विश्व के मुद्दों पर भारत को इग्नोर नहीं किया जा सकता है। भारत शक्तिशाली राष्ट्र है और भारत दुनिया के किसी भी मुद्दे पर प्रभाव छोड़ने वाली ताकत बन चुका है।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली