मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

आपकी राय

06:32 AM Sep 08, 2023 IST

संस्कारों से वंचित

आज डिजिटल मनुष्य की बात करें तो वह सोशल प्लेटफॉर्म आधारित जीवन में अपने आप को पूरी तरह डूबता हुआ नजर आ रहा है। अपने परिवारजनों, रिश्तेदारों और सहयोगियों को भूलकर वह मोबाइल की फेसबुक व्हाट्सएप और इंस्टाग्राम की आभासी दुनिया में व्यस्त है। अपनी अलग दुनिया में व्यस्त उसका रहन-सहन मानो बिल्कुल वैदिक कालीन परिवेश से अलग हो गया है। बच्चों के सुनहरे भविष्य के लिए अच्छे संस्कारों का जन्म माता-पिता या गुरुजन ही कर सकते हैं। आज के समय में मोबाइल सब कुछ उपलब्ध होने के बावजूद छात्रों को सीखने की प्रकिया में संस्कार देने से वंचित कर रहा है।
अनिल प्रजापति, संग्रामपुर, उन्नाव

Advertisement

युवा शक्ति का उपयोग

राजनेताओं के भाषणों में प्राय: सुना जाता है कि भारत में सब देशों से अधिक युवाशक्ति है। इन आंकड़ों पर यदि विश्वास भी किया जाए तो फिर इस युवाशक्ति का उपयोग राष्ट्रनिर्माण में क्यों नहीं हो रहा? रोजगार की तलाश में युवा विदेशों की ओर तेजी से पलायन कर रहे हैं। सरकारों की गलत नीतियां ही इस पलायन की ज़िम्मेवार हैं। दिन-प्रतिदिन गहराती विदेशी पलायन की इस समस्या का निदान किया जाना चाहिए। देश में रोजगार के अधिकाधिक अवसर पैदा किए जाने चाहिए।
सुरेन्द्र सिंह ‘बागी’, महम

अतार्किक विरोध

भारत में जी-20 सम्मेलन की सभी तैयारियां हो चुकी हैं। वहीं राहुल गांधी का यूरोपीय दौरा 10 सितंबर को पूर्ण होगा। इस बार भी राहुल यूरोप में कुछ ऐसा जरूर बोलेंगे, जिससे गांधी परिवार और कांग्रेस के लिए परेशानी खड़ी हो सकती है। उनकी यह सोच है कि विदेशों में जाकर भारत की बुराई करेंगे तो कांग्रेस मजबूत होगी। उन्होंने पूर्व में भी लोकतंत्र खतरे में होने की बात विदेश की धरती से की थी।
कांतिलाल मांडोत, सूरत

Advertisement

Advertisement