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राजनीतिक दांव
जैसे-जैसे लोकसभा के चुनाव नजदीक आ रहे हैं इंडिया बनाम एनडीए की राजनीतिक दल-बदल, चुनावी उठापटक, दाव-पेंच, लोकलुभावन वादे एवं रेवड़ियाें का पिटारा चुनावी घमासान का हिस्सा बन चुके हैं। वहीं सत्तारूढ़ दल के मास्टर स्ट्रोक आगामी 18 सितंबर से 22 सितंबर तक संसद के विशेष सत्र का आह्वान करके अटकलाें का बाजार गर्म कर दिया है। संसद के इस विशेष सत्र में सभी राजनीतिक दलों को अप्रैल और मई में होने वाले लोकसभा चुनाव को फरवरी मार्च में कराने की व्यवस्था की जानी चाहिए। इस प्रस्ताव पर न विपक्ष और न ही पक्ष नाराज होगा।
वीरेन्द्र कुमार जाटव, दिल्ली
कुटिल चाल
चीन द्वारा जारी नक्शे में भारत के सीमा क्षेत्र को अपना बताए जाने की हरकत कोई नई बात नहीं है। वैसे भारत ने इसे लेकर अपना विरोध जता दिया है। देश चीन की कुटिल चालों से अच्छी तरह वाकिफ है। इस मामले को ज्यादा अहमियत देने की जरूरत नहीं है। लेकिन सतर्कता बरतनी आवश्यक है। कुछ ही दिनों में भारत में जी20 की बैठक होने जा रही है जिसमें चीन के राष्ट्रपति भाग लेंगे। इस समय में विवादास्पद नक्शा प्रसारित करके चीन जी20 की बैठक में भारत के लिए असहज स्थिति बनाने का प्रयास कर रहा है।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
विशेष सत्र के सवाल
पहली सितंबर के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित ‘संसद का विशेष सत्र 18 से 22 तक, विपक्ष को आपत्ति’ समाचार इस विषय पर चर्चा करने वाला था। अभी 3 सप्ताह पहले संसद का मॉनसून सत्र समाप्त हुआ है, इस बीच 5 दिन के लिए संसद का अचानक सत्र बुलाना सरकार का कोई विशेष पॉलिटिकल एजेंडा ही हो सकता है। वैसे असाधारण परिस्थितियों में ही विशेष सत्र बुलाया जा सकता है। संसद का पिछला मॉनसून सत्र मणिपुर हिंसा तथा सरकार के खिलाफ विश्वास मत को लेकर व्यर्थ ही चला गया।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल