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तीस अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून में प्रकाशित खबर ‘चीन ने अरुणाचल, अक्साई चिन को अपने नक्शे में दिखाया...’ गलवान घाटी में भारतीय सैनिकों से मुंह की खाने के बावजूद चीन द्वारा भारतीय क्षेत्रों पर दावा ठोकने की बात का वर्णन करने वाली थी। हालांकि कुछ दिन पहले दक्षिणी अफ्रीका में ब्रिक्स की मीटिंग में प्रधानमंत्री मोदी तथा चीनी राष्ट्रपति जिनपिंग के बीच दोनों देशों में सीमा विवाद सुलझाने को लेकर सहमति भी प्रकट की गई थी। चीन लंबे समय से सीमा विवाद को लेकर भारत को बेवकूफ बनाता आ रहा है। इसका मुंहतोड़ जवाब देने का तरीका चीन से आयात बंद करना, सैनिक दृष्टि से मजबूती, सीमाओं के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर को मजबूती, तिब्बत आंदोलनकारियों का समर्थन करना तथा ताइवान का साथ देना आदि है।
शामलाल कौशल, रोहतक
नशे का संकट
हमारी युवा पीढ़ी बुरी तरह नशे की जद में है। देश में पंजाब व हरियाणा अधिक नशीले पदार्थों का सेवन करने वाले राज्यों में शामिल हैं तो चंडीगढ़ भी पीछे नहीं है। इनमें युवा और बड़ी संख्या में बच्चों का शामिल होना दुखदाई है। तस्करी के द्वारा पहुंचने वाले मादक पदार्थ के पंजाब में आसानी से मिल जाने से यह समस्या काफी समय से है। तीन करोड़ आबादी वाले पंजाब में करीब 66 लाख से अधिक लोग नशीली दवाओं तथा 21 लाख लोग अफीम से बने नशीले पदार्थ से नशा करते हैं। निश्चित रूप से आंकड़े आने वाले भविष्य के लिए एक बड़ा खतरा हैं।
अमृतलाल मारू, इंदौर, म.प्र.
प्रतिभाएं बचाएं
संपादकीय ‘आत्मघात का कोटा’ में उल्लेख है कि कोटा में हो रही आत्महत्याओं से चिंतित सरकार ने फिलहाल परीक्षा पर रोक और सुरक्षा के कदम भी उठाए हैं। कोटा स्थित कोचिंग संस्थाओं में अध्ययनरत छात्रों को दबाव से मुक्त रखने की विशेष सीख दी जाये तथा मुफ्तखोरी की योजनाओं के खर्च में कटौती कर उच्च पढ़े-लिखे युवाओं की काउंसलिंग पर खर्च हेतु विशेष व्यवस्थाएं की जाये, ताकि जीवन बचने से देश के विकास में इन प्रतिभाओं का योगदान मिल सके।
बीएल शर्मा, तराना, उज्जैन