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पूर्वाग्रहों की सोच
बारह अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून में डॉ. ऋतु सारस्वत का लेख ‘पूर्वाग्रहों से ग्रसित सोच का दंश झेलते पुरुष’ व्यथा प्रकट करने वाला था। हमारे समाज की सोच यही है कि महिलाओं के साथ यौन शोषण को लेकर पुरुष ही कसूरवार ठहराया जाता है। विशेषज्ञों का मानना है कि अक्सर कुछ महिलाएं देश में महिलाओं की स्थिति की धारणा का दुरुपयोग करती हैं। इसलिए देश की शीर्ष अदालत ने निचली अदालतों को कहा है कि ऐसे मामलों में महिलाओं की शिकायत की पड़ताल की जाए और पुरुषों को जमानत देने पर विचार किया जाए। महिला संगठनों को भी ऐसी महिलाओं के पक्ष लेने से बचना चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक
अंगदान की पहल
यह प्रसन्नता की बात है कि देशभर में अंगदान करने की एक उत्साहपूर्वक शुरुआत हो गई है। इससे अंगविहीन लोगों को काफी फायदा मिल रहा है। लेकिन फिर भी लोगों को जागरूक करने की जरूरत है। अतः यह जरूरी है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को अंगदान करने के लिए प्रोत्साहित करें। अंगदान करने से एक व्यक्ति को नया जीवन मिलता है।
मनमोहन राजावतराज, शाजापुर, म.प्र.
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