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समाज को आईना
तीस जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून अध्ययन कक्ष अंक में स्नेही गोस्वामी की ‘हंसा गया अकेला’ कहानी संतान का माता-पिता के प्रति संकुचित, स्वार्थी रवैया दर्शाने वाली थी। कथा नायिका सीता देवी के पुश्तैनी मकान न बेचने से खफा दोनों बेटे बाहर नौकरी करने लगते हैं। अंतिम समय में बेहोशी की हालत में पुत्रवधू का कथ्य मन को आत्मग्लानि से भरने वाला रहा। ‘हंसा गया अकेला’ शीर्षक कहानी को चरितार्थ करने में कामयाब रही।
अनिल कौशिक, क्योड़क, कैथल
अपराध की राजधानी
दक्षिण दिल्ली के मालवीय नगर एवं उत्तर दिल्ली के बुराड़ी में दो महिलाओं की निर्मम हत्या दिल्ली की कानून व्यवस्था के बिगड़ते हालात की तरफ इशारा है। दिल्ली में हर आदमी भय के वातावरण में जी रहा है। देशभर में महिलाओं से संबंधित मुकदमों के लिए फास्ट ट्रैक कोर्ट का गठन बेहद जरूरी है जो कुछ हद तक कारगर साबित हो सकते हैं। अपराधी प्रवृत्ति के लोगों को कानून का डर होना बहुत जरूरी है।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली
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