मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

आपकी राय

06:20 AM Jul 11, 2023 IST

मूल्यविहीन राजनीति
आठ जुलाई के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘सत्ता की राजनीति में विचार-सिद्धांतों की बलि’ सत्ता प्राप्त करने के लिए नैतिकता तथा मर्यादा की सीमाओं को लांघे जाने का पर्दाफाश करने वाला था। विडंबना यह है कि सत्तापक्ष जिन विपक्षी नेताओं को भ्रष्ट कहता है और उनके खिलाफ ईडी, इनकम टैक्स डिपार्टमेंट तथा सीबीआई की कार्रवाई चल रही होती है, सत्तापक्ष में जाने के बाद उनके खिलाफ कार्रवाई बंद कर दी जाती है। ऐसी स्थिति में चुनाव मजाक बनकर रह गए हैं।
शामलाल कौशल, रोहतक

Advertisement

संकीर्ण मानसिकता
आधुनिक भारत में विकृत मानसिकता का ऐसा घृणित चेहरा सामने आया है कि कल्पना मात्र से ही शरीर में सिहरन और मन विचलित हो जाता है। मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक पढ़े-लिखे आदमी ने आदिवासी समाज के व्यक्ति पर मूत्र विसर्जन कर पूरे देश को शर्मसार किया है। एक तरफ श्रेष्ठ भारत एवं राष्ट्र सर्वप्रथम का सपना देख रहे हैं और दूसरी तरफ जातिवादी मानसिकता से भरे लोग समाज में आक्रोश और जहर घोल रहे हैं।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली

Advertisement
Advertisement