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गांधी को समझना जरूरी
तीस जून के दैनिक ट्रिब्यून में विश्वनाथ सचदेव का लेख ‘असहमत होने से पहले गांधी को समझना जरूरी’ कुछ लोगों द्वारा गांधी के विचारों को समझे बिना उनकी आलोचना करने का विश्लेषण करने वाला था। नेहरू, पटेल, सुभाष चंद्र बोस आदि के महात्मा गांधी के साथ वैचारिक मतभेद थे लेकिन इसके बावजूद उनमें कोई कटुता नहीं थी। महात्मा गांधी ने सत्य और अहिंसा द्वारा देश आजाद कराने का नया तरीका दुनिया को बताया। विदेशों में भारत को गांधी के विचारों के कारण ही जाना जाता है।
शामलाल कौशल, रोहतक
संवेदनशील मुद्दा
समान नागरिक संहिता (यूसीसी) देश में बड़ा मुद्दा बनता जा रहा हैै। सत्तापक्ष के अपने तर्क हैं और विपक्ष के अपने तर्क हैं। सैद्धांतिक रूप से सहमति भी बनती दिखाई दे रही है। मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने इसका जोरदार शब्दों में विरोध किया है। लेकिन हकीकत यह है कि इस संदर्भ में कोई व्यापक योजना केंद्र सरकार की तरफ से प्रस्तुत नहीं की गई। यह बेहद संवेदनशील मुद्दा है।
वीरेंद्र कुमार जाटव, दिल्ली