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चुनाव और गर्मी
दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई इलाकों में अभी से पारा 45 डिग्री तक पहुंच गया है। आने वाले दिनों में गर्मी और बढ़ने के आसार हैं। ऐसे में यदि आम चुनाव एक महीने पहले हो जाते तो वोटरों को तपती गर्मी को नहीं झेलना पड़ता। एक तरफ अखबारों के माध्यम से लोगों को गर्मी से बचने की हिदायतें दी जा रही हैं तो दूसरी तरफ वोटर तपती गर्मी में वोट डालने के लिए बाध्य हैं। अब तो सरकार की तरफ से गर्मी से निपटने के लिए पोलिंग बूथों पर किए जाने वाले पुख्ता इंतजाम ही इस भीषण गर्मी से कुछ हद तक वोटरों को राहत दिला सकते हैं।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली
कड़ी सज़ा मिले
पुणे का सड़क हादसा मृतकों के परिजनों के लिए एक गहरा जख्म है। एक अमीर बाप के बिगड़ैल किशोर बेटे ने दो काबिल इंजीनियरों को मौत के घाट उतार दिया। विदेशी कार को दो सौ किलोमीटर की रफ्तार से दौड़ाना बताता है कि सड़कें रेसट्रैक बन चुकी हैं। इस हादसे ने सिर्फ दो जिंदगियां ही नहीं लीं बल्कि इंसाफ पर भी सवाल खड़ा कर दिया। गंभीर अपराध में किशोर की जमानत पर रिहाई बताती है कि हमें कड़े कानून बनाने और सही तरह से उसे पालन करने की जरूरत है। नि:संदेह अपराधी को कड़ी से कड़ी सज़ा मिलनी चाहिए।
वंश, जीजेयू, वि.वि., हिसार
जानती है जनता
आज सोशल मीडिया का मंच उपलब्ध होने के कारण जनता सभी दलों के कारनामों की जानकारी रखती है। नेताओं के भ्रष्टाचार, गिरफ्तारी, कारनामे, जमानत और उनका विक्टिम कार्ड खेलने की मनोवृत्ति को सब अच्छे से समझते हैं। फिर भी वे इस गलतफहमी में जी रहे हैं कि जनता को पहले की तरह आसानी से बहलाया जा सकता है। जमानत पर प्रचार के लिए रिहा केजरीवाल मतदाताओं से कहते हैं कि यदि आप हमें जीताएंगे तो मुझे वापस जेल में नहीं जाना पड़ेगा। जनता अपने वोट की ताकत और अहमियत समझती है।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.