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06:54 AM Jan 18, 2024 IST

गठबंधन की ढीली गांठें

विपक्षी गठबंधन के ढोल की पोल मायावती के अकेले चुनाव लड़ने के ऐलान ने खोल दी है। नीतीश कुमार, अरविंद केजरीवाल, अखिलेश यादव या ममता बनर्जी, सब गठबंधन धर्म को भूलकर अपना अपना महत्व जताने में व्यस्त हैं। उधर, तीन राज्यों में हुई हार से हतोत्साहित कांग्रेस, गठबंधन में नेतृत्व के अपने दावे को ढीला पड़ते देख, अपना जनाधार तलाशने एक और यात्रा पर निकल पड़ी है। जिस भाजपा को तीसरी बार सत्ता में आने से रोकने के मकसद से गठबंधन बना था, अपने गंतव्य की ओर अभी एक कदम भी नहीं चला है। ऐसे में गठबंधन के मकसद का क्या बनेगा कुछ कहा नहीं जा सकता।
ईश्वर चन्द गर्ग, कैथल

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लूट की न हो छूट

बाईस जनवरी को अयोध्या में रामलला के प्राण-प्रतिष्ठा समारोह के कारण श्रद्धालुओं का तांता लगा हुआ है। मंदिरों में एंट्री करने में लंबा इंतजार करना पड़ रहा है। वहीं सामान्य बजट वाले होटलों में रहने की जगह नहीं मिल रही है। अगर कमरा मिल भी रहा है तो मुंहमांगी कीमत वसूली जा रही है। आलम यह है कि पिछले टूरिस्ट सीजन तक जिन मैरिज हॉल में शादी समारोह की बुकिंग होती थी, वहां भी बेड लगाकर लोगों को ठहराया जा रहा है। प्रशासन को अयोध्या में हो रही इस लूट को रोकने के लिए सख्ती करनी होगी।
सुभाष बुड़ावन वाला, रतलाम, म‍.प्र.

आर्थिकी को गति

अयोध्या नगरी में रामलला के प्रतिष्ठित होने से करोड़ों के कारोबार होने का अनुमान है। राम मंदिर के माॅडल, कुर्ते, टोपी और भारी संख्या में सामान‌ निर्मित हो रहा है। सड़क, रेल और वायु यातायात मार्ग सुगम होने से और राम मंदिर की प्राण-प्रतिष्ठा के साथ कारोबार और पर्यटन के नए अवसर खुलने की संभावनाएं हैं। निश्चित ही उ‍.प्र. की आर्थिकी में इसका बहुत बड़ा योगदान होगा।
अभिलाषा गुप्ता, मोहाली

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