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बचाव में सुरक्षा
संपादकीय ‘फिर वायरस की दस्तक’ प्रोटोकॉल को गंभीरता से लेकर हर नागरिक को चिंतन करना चाहिए कि कैसे इससे बचाव करें। इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए। पिछली कोरोना की प्रथम और द्वितीय लहर में कितने ही सगे संबंधियों और नागरिकों को हम खो चुके हैं। अतः इस बार भीड़-भाड़ से बचना, मास्क का प्रयोग करना और बाहर से आने पर हाथों को धोना और अपने शरीर की प्रतिरोधात्मक शक्ति को कमजोर नहीं होने देना है। हमें कोरोना प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।
भगवानदास छारिया, इंदौर
बुजुर्गों की फिक्र करें
यूएनएफपीए की रिपोर्ट के अनुसार देश में वर्ष 2046 तक बुजुर्गों की वृद्धि दर 41 प्रतिशत होने का अनुमान है। बुजुर्गों की बढ़ती संख्या के चलते उन्हें इस समय काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। देश में सरकारों की तरफ से भी लोगों का बुढ़ापा सुरक्षित करने के लिए खास योजनाओं को अमल में नहीं लाया जाता है। हालांकि, सरकारों ने बुढ़ापा पेंशन योजना को अमल में लाया है लेकिन यह पेंशन ऊंट के मुंह में जीरा समान है।
राजेश कुमार चौहान, जालंधर