मुख्य समाचारदेशविदेशखेलपेरिस ओलंपिकबिज़नेसचंडीगढ़हिमाचलपंजाबहरियाणाआस्थासाहित्यलाइफस्टाइलसंपादकीयविडियोगैलरीटिप्पणीआपकी रायफीचर
Advertisement

आपकी राय

06:37 AM Aug 22, 2023 IST

तबाही के सबक

सत्रह अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘तबाही के सबक’ बाढ़ों और भूस्खलन की मौजूदा स्थिति में बहुत सार्थक लगा। चाहे पहाड़ हों या मैदानी इलाके, सब जगह भू-माफिया, बिल्डर्स तथा प्रॉपर्टी डीलर्स ने अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर के अवैज्ञानिक रूप से शहरीकरण किया है। जिसके कारण बारिश के पानी की निकासी तथा उसको सोखने की क्षमता कम हो गई है। परिणामस्वरूप उत्तर पश्चिमी भारत के अधिकांश राज्यों में थोड़ी-सी वर्षा के बाद बाढ़ तथा जल भराव की स्थिति पैदा हो जाती है।
विनय कुमार मल्होत्रा, अम्बाला छावनी

Advertisement

प्रगतिशील पहल

उन्नीस अगस्त के दैनिक ट्रिब्यून का संपादकीय ‘नफरत के खिलाफ खाप’ हरियाणवी सामाजिक खापों के द्वारा हाल ही में नूंह में हुई हिंसक घटनाओं के चलते समाज में समरसता लाने के प्रयास का वर्णन करने वाला था। खापों ने दोनों संप्रदायों के बीच विश्वास बहाली का सुझाव दिया है। खापों ने नूंह तथा गुरुग्राम में हिंसा की निंदा की है और अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा का प्रस्ताव किया है। हरियाणा की सामाजिक खापों की इस प्रगतिशील विचारधारा की प्रशंसा करनी चाहिए।
शामलाल कौशल, रोहतक

Advertisement
Advertisement