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रचनात्मक पहल
तेईस अप्रैल के दैनिक ट्रिब्यून में ‘गर्मी की छुट्टियों में बच्चे दादी-नानी से सुनेंगे कहानियां’ पढ़कर महसूस हुआ कि विद्यालय से बच्चों को दिलचस्प और रोचक गृहकार्य मिला है। अवकाश अवधि के दौरान छात्र दादी-नानी से सेवा-भाव सीखेंगे। वहीं पक्षियों के लिए तपती गर्मी में दाना-पानी का प्रबंध करेंगे। स्वास्थ्य पर ध्यान देने के लिए प्रतिदिन योगाभ्यास एवं सकारात्मक सोच एवं शुद्ध विचार के लिए प्रभु का ध्यान करेंगे। चौथी और पांचवीं कक्षा के विद्यार्थी पर्यावरण संरक्षण के संवाहक बनेंगे। इससे छात्रों में सकारात्मक सोच पैदा होगी। हरियाणा शिक्षा विभाग का यह सराहनीय कदम है। छात्रों का ग्रीष्मकालीन अवकाश गृहकार्य बोझिल न होकर रोचक होगा।
जयभगवान भारद्वाज, नाहड़
समता का कानून
पुणे में नशे में चूर एक नाबालिग ने बहुत तेज रफ्तार से विदेशी कार चलाकर बाइक पर जा रहे दो इंजीनियरों को रौंद डाला। वहीं पकड़े जाने पर नाबालिग को जो सज़ा सुनाई गई उससेे कई सवाल पैदा होते हैं। ऐसे मामलों को लेकर एक सख्त गाइडलाइन बनानी होगी। यदि ऐसा नहीं किया तो भविष्य में लोगों के मन में कानून के प्रति डर नहीं रहेगा। उनमें अपने रुतबे से कानून को धता बता देने की प्रवृत्ति बढ़ेगी।
विभूति बुपक्या, खाचरोद, म.प्र.
वादों का पिटारा
हाल ही में सोनीपत में हुई कांग्रेस रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पार्टी के सत्ता में आने पर किसानों के हित में एमएसपी लागू करने के साथ ही कर्ज माफ भी करेगी। उन्होंने अग्निवीर योजना हटाने का वादा किया। उन्होंने बढ़ती बेरोजगारी के बीच हर साल तीस लाख नौकरियां देने का वादा भी किया। उन्होंने जातीय जनगणना कराने की बात की। इसके साथ ही गरीबी रेखा से नीचे रहने वाले परिवारों को हर महीने आठ हजार पांच सौ रुपये महीने देने का वादा किया।
सौरभ बूरा, जीजेयू, हिसार